कविता ऋतुराज बसंत February 15, 2022 / February 15, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment होली मांगे लकड़ी,दिवाली मांगे तेल।बसंत मांगता आटा,छटाक सवा सेर।। बसन्त के आते ही,उड़ने लगी रंग बिरंगी पतंग।कृषक के खेत झूमने लगे पीली सरसों के संग।। बागों में आने लगे हैं आमो पर अब बौर।काली कोयल कूक रही भौरे मचावे शोर।। आ गई ऋतु बसंत की,उठने लगी उमंग।मौज मस्ती मना रहे,एक दूजे के सब संग।। गगन […] Read more » poem on basant ऋतुराज बसंत