कविता तेरे लिए August 4, 2013 by रवि कुमार छवि | Leave a Comment मै,तेरे लिए आया, इस जिंदगी में, चाहकर कर भी तेरा ना हो सका, मुरझे हुए फूलों की तरह मेरी सवेंदनाएं भी मुरझा गई, खिली हुई कलियों की खुशियों जैसे प्यार का अहसास होने लगा था, कुछ सपने थे, जो पतझड़ की तरह हो गए, बिन उसके एक पल भी एक नागवार लगने लगा राहें बनाने […] Read more » तेरे लिए