कविता चाँद की भी चमक May 10, 2018 by कुलदीप प्रजापति | Leave a Comment चाँद की भी चमक मैं चुरा लाऊंगा तुझसे ज्यादा चमकता दिखा जो मुझे, इत्र की भी महक मैं दबा आऊंगा तुझसे ज्यादा महकता मिला जो मुझे, मांग साँझ के सूरज से लाली तेरे लाल अधरों पे लाली लगा दूंगा मैं, चुन के बागों से फूलों की कलियाँ तेरे केश बागों के भांति सजा दूंगा मैं, […] Read more » चाँद दरमियाँ फूलों की कलियाँ बिंदियाँ सजा सजता