कविता मोबाइल से पानी August 30, 2014 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment -प्रभूदयाल श्रीवास्तव- मोबाइल से पानी मोबाइल का बटन दबा तो, लगा बरसने पानी। धरती पर आकर पानी ने, मस्ती की मनमानी| चाल बढ़ी जब मोबाइल पर, लगा झराझर झरने। नदी ताल पोखर झरने सब, लगे लबालब भरने। और तेज फिर और तेज से, चाल बढ़ाई जैसे। आसमान से लगे बरसने, जैसे तड़-तड़ पैसे। किंतु […] Read more » मोबाइल मोबाइल कविता मोबाइल से पानी