व्यंग्य पुत्तन चाचा का पश्चाताप…!! February 1, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा जीवन संध्या पर पुत्तन चाचा पश्चाताप की आग में झुलस रहे हैं। कुनबे का मुखिया होने से घर – परिवार में उनकी मर्जी के बगैर कभी कोई पत्ता न हिलता था , न अब हिलता है। चचा को गम है कि उन्होंने कुछ गलत फेसले किए। परिवार का होनहार पप्पू इंजीनियरिंग की […] Read more » पुत्तन चाचा का पश्चाताप...!!