कविता जब आँसू अपने हो जाते हैं June 4, 2025 / June 4, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment डॉ सत्यवान सौरभ जीवन के इस सफ़र में,हर मोड़ पर कोई न कोई साथ छोड़ देता है,कभी उम्मीद, कभी लोग —तो कभी ख़ुद अपनी ही परछाईं पीछे रह जाती है। हर हार सिर्फ हार नहीं होती,वो एक आईना होती है —जिसमें हम देखते हैं अपना असली चेहरा,बिना मुखौटे, बिना तालियों के शोर के। जब आँखें […] Read more » When tears become your own जब आँसू अपने हो जाते हैं