रामस्वरूप रावतसरे
देश की संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भाषण के क्लिप के एक हिस्से को काटकर कॉन्ग्रेसी और विरोधी दल सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है कि कॉन्ग्रेस ऐसा कर रही है। जब-जब कॉन्ग्रेस मुद्दाविहीन होती है तो इसी तरह के फेक न्यूज फैलाकर सरकार को बदनाम करने का प्रयास करती है। ये काम सिर्फ कॉन्ग्रेसी या विपक्षी नेता ही नहीं, इसमें तथाकथित बुद्धिजीवी लोग भी अपना अहम रोल अदा कर रहे हैं।
दरअसल, 17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर राजनीति करने वालों को आड़े हाथों लिया था। अपने लगभग 90 मिनट के स्पीच में अमित शाह ने कॉन्ग्रेस और उसके नेताओं को डॉक्टर अंबेडकर के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं कॉन्ग्रेस द्वारा की गई हरकतों को देश के सामने रखा था। इसके बाद कॉन्ग्रेस का चिढ़ना स्वाभाविक था।
इसी के चलते कॉन्ग्रेस और उसके नेताओं द्वारा अमित शाह के भाषण के हिस्से को शेयर करके सरकार को बदनाम करना शुरू कर दिया। कॉन्ग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “‘अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ अमित शाह ने बेहद घृणित बात की है। कॉन्ग्रेस ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, “इस बात से जाहिर होता है कि भाजपा और आरएसएस के नेताओं के मन में बाबा साहेब अंबेडकर जी को लेकर बहुत नफरत है। नफरत ऐसी कि उनके नाम तक से इनको चिढ़ है। ये वही लोग हैं जिनके पूर्वज बाबा साहेब के पुतले फूँकते थे, जो ख़ुद बाबा साहेब के दिए संविधान को बदलने की बात करते थे। जब जनता ने इन्हें सबक सिखाया तो अब इन्हें बाबा साहेब का नाम लेने वालों से चिढ़ हो गई है। शर्मनाक! अमित शाह को इसके लिए देश से माफी माँगनी चाहिए।
यही बात कॉन्ग्रेस के नेता जयराम और सुप्रिया श्रीनेत सहित तमाम नेताओं ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में शेयर की है। इन नेता ने सिर्फ अमित शाह को ही नहीं बल्कि बाबा साहेब के नाम पर भाजपा और आरएसएस को भी लपेटने की कोशिश की है। दरअसल, ये सारा फेक न्यूज एक षडयंत्र के तहत वायरल किया जा रहा है ताकि अमित शाह, भाजपा और संघ को दलित-वंचित विरोधी साबित किया जा सके। वहीं, कॉन्ग्रेस के नेता अपने पूर्वजों की करतूतों को छिपाने और वर्तमान परिस्थितियों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए अब फेक न्यूज जैसे गैर-कानूनी काम करने लगे हैं।
अमित शाह के भाषण के जिस हिस्से को विरोधियों द्वारा साझा किया जा रहा है, वह सही है लेकिन उसका संदर्भ क्या है, उसे विरोधी छिपा गए। इससे अमित शाह का बयान एकतरफा दिखने लगा जबकि हकीकत इसके विपरीत है। अमित शाह ने अंबेडकर के साथ कॉन्ग्रेस के नेताओं के दुर्व्यवहार को उजागर किया था। अमित शाह ने अपने भाषण में कहा, “अभी यह फैशन चल गया है अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों का स्वर्ग मिल जाता। हमें आनंद है कि ये अंबेडकर का नाम लेते हैं, लेकिन अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है ये मैं बताता हूँ। इसके बाद अमित शाह कॉन्ग्रेस और पंडित नेहरू की पोल खोलकर रख देते हैं। अमित शाह ने आगे कहा, “अंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया? अंबेडकर जी ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के साथ हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूँ। सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूँ और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूँ। इसलिए वे छोड़ना चाहते थे। उन्हें आश्वासन दिया गया लेकिन वो पूरा नहीं हुआ और नजरअंदाज किए जाने के कारण इस्तीफा दे दिया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने आगे बताया, “श्री बीसी रॉय ने पत्र लिखा कि अंबेडकर और राजा जी जैसे लोग मंत्रिमंडल छोड़ेंगे तो क्या होगा। तो उनको नेहरू जी ने जवाब में लिखा- राजाजी के जाने से थोड़ा-बहुत नुकसान तो होगा, लेकिन अंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल कमजोर नहीं होगा। अमित शाह ने आगे कहा कि कॉन्ग्रेस जिसका विरोध करती रही है, उसका वोट के लिए नाम लेना कितना उचित है। अंबेडकर जी को मानने वाले पर्याप्त संख्या में आ गए हैं, इसलिए आप अंबेडकर अंबेडकर कर रहे हो।
इस तरह, केंद्रीय मंत्री अमित शाह के पूरे भाषण को सुना जाए तो वो साफ तौर पर बता रहे हैं कि जिस अंबेडकर का नाम अब कॉन्ग्रेस जप रही है, उन्हीं अंबेडकर को उसने कितना जलील किया है हालाँकि, अपने राजनीतिक फायदे के लिए कन्ग्रेस, उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गाँधी, जयराम रमेश, सुप्रिया श्रीनेत आधे-अधूरे क्लिप को चलाकर फेक न्यूज फैला रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहब अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी का बचाव किया और कहा कि शाह ने अंबेडकर का अपमान करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर कर दिया है जिसके बाद वे उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों से स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं। एक्स पर पोस्ट की एक श्रृंखला में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस वर्षों तक सत्ता में रही लेकिन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘संसद में अमित शाह जी ने डॉ अंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। वे उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों से स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं, यही वजह है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं! दुख की बात है कि उनके लिए, लोग सच्चाई जानते हैं! कांग्रेस जितनी चाहे कोशिश कर सकती है, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में हुए हैं। वर्षों तक वे सत्ता में रहे लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी नहीं किया।’’
प्रधान मंत्री ने बाबासाहेब अम्बेडकर के प्रति ‘कांग्रेस के पाप’ सूचीबद्ध किए। उन्होंने कहा, ‘डॉ. अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में शामिल हैं- उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना। पंडित नेहरू द्वारा उनके खिलाफ प्रचार करना और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना।‘उन्हें भारत रत्न देने से इनकार किया, संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को सम्मानपूर्ण स्थान तक नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि देश के लोगों ने समय-समय पर देखा है कि कैसे एक पार्टी ने अंबेडकर की विरासत को मिटाने के लिए हर ‘गंदी चाल’ चली है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यदि कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई वर्षों के कुकर्मों, विशेषकर डॉ. अंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं! भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।‘
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने पंचतीर्थ, डॉ. अंबेडकर से जुड़े पांच प्रतिष्ठित स्थानों को विकसित करने के लिए काम किया है। दशकों से चैत्य भूमि के लिए भूमि का मुद्दा लंबित था। हमारी सरकार ने न केवल इस मुद्दे को सुलझाया बल्कि मैं वहां प्रार्थना करने भी गया हूं। हमने दिल्ली में 26, अलीपुर रोड को भी विकसित किया है जहां डॉ. अंबेडकर ने अपने अंतिम वर्ष बिताए थे। लंदन में जिस घर में वे रहते थे, उसे भी सरकार ने अधिग्रहित कर लिया है।‘ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जब बात डॉ. अंबेडकर की आती है तो उनके प्रति हमारा सम्मान और श्रद्धा सर्वोपरि है। हम जो कुछ भी हैं, वह डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की वजह से ही है।‘ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पिछले दशक में बाबासाहेब अंबेडकर के विजन को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया है।
हमारे नेता जो अपने आपको सुपर समझते है, वे बहस का जवाब तार्किकता से क्यों नहीं देते! इस प्रकार के फेक वीडियो या न्यूज के सहारे क्यों चलना चाहते है। खैर, उनकी नजर में भारतीय जनमानस का बौद्धिक स्तर इतना ही होगा कि जैसा वे परोसेगें, वह उसे स्वीकार कर लेगा। ऐसा सोचने वालों को समझना चाहिए कि वह अब बहुत बदल चुका है।
रामस्वरूप रावतसरे