कविता

कविता – नेता

netajiजिनके पीछे
तुम भाग रहे हो
जिनके लिए
तुम कुछ भी करने को तैयार हो
क्या तुम्हें पता है
कि वो भी भाग रहा है
कि वो भी तैयार है
सभी कुछ करने को तत्पर ।

खुश हो रहे हो
तुम यही सोचकर
उसका भागना
और उसका त्याग
तुम्हारे लिए है
शायद तुम्हें नहीं दिख रहा
किन्तु वो देख रहा है
बिल्कुल साफ सा
कि तुम्हारे पीछे
उनकी कुर्सी जो छिपी है ।