अय्यर के बयान से कांग्रेस की फजीहत

सुरेश हिन्दुस्थानी
गुजरात चुनाव के मुहाने पर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का बयान और कांग्रेस द्वारा की जाने वाली निलंबन की कार्यवाही से चुनाव प्रचार में उबाल आता दिखाई दे रहा है। अय्यर के बयान के बाद गुजरात में कांग्रेस बैक फुट पर आती हुई दिखाई दे रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा छह बार माफी मांगने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। कई बार कांग्रेस के लिए विवाद का कारण बने अय्यर इस बार गुजरात चुनाव के कारण कोपभाजन का शिकार बनते हुए दिखाई दिए। लेकिन सवाल यह आता है कि मणिशंकर अय्यर की यह माफी कांग्रेस को कितना लाभ पहुंचा पाएगी। कांग्रेस में केवल मणिशंकर अय्यर ही नहीं हैं, जिन्होंने कांगे्रस के लिए मुसीबत खड़ी की है, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश भी लगभग इसी श्रेणी में आते हैं, क्या कांग्रेस इनके विरोध में भी कार्रवाई कर सकती है।
कांग्रेस नेता के रुप में अपनी लम्बी राजनीतिक पारी खेलने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर को आखिरकार कांग्रेस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस ने ऐसा कदम क्यों उठाया, इसकी तह में जाने से पता चलता है कि गुजरात चुनाव में मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस की फजीहत करवा दी है। मणिशंकर अय्यर के बयान से पूर्व गुजरात में कांग्रेस यही मानकर चल रही थी कि अबकी बार गुजरात में कांग्रेस निश्चित रुप से अपना प्रभाव छोड़ पाने में समर्थ होगी। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नीच आदमी तक की संज्ञा दे दी। कांग्रेस नेता का यह बयान हो सकता है कि केवल नरेन्द्र मोदी के बारे में हो, लेकिन उनको यह नहीं भूलना चाहिए कि मोदी वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री हैं। उनको भारत की उसी जनता ने लोकतांत्रिक पद्धति से चुना है, जिसने लम्बे समय तक कांग्रेस की सरकार बनाने में योगदान दिया। हम जानते हैं कि राजनीतिक अंतर विरोध जायज कहा जा सकता है, लेकिन एक प्रधानमंत्री के लिए इस प्रकार की टिप्पणी करना वास्तव में पूरे देश का ही अपमान माना जाएगा। हम यह भी जानते हैं कि गत लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि मोदी कभी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। उनको चाय बेचना है तो कांग्रेस कार्यालय के बाहर जगह हम उपलब्ध करा देंगे, जहां चाय का ठेला लगा लें। इस बयान के बाद मणिशंकर अय्यर भले ही प्रचार का केन्द्र बन गए हों, लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को प्रचार करने का एक आसान सा मुद्दा दे दिया। देश की आम जनता ने इसे चाय वालों का अपमान समझा, इसलिए चाय बेचने वाले भी यह कहते सुने गए कि मोदी तो हमारा ही आदमी है।
अभी हाल ही में मणिशंकर अय्यर ने जो कहा है वह भी एक प्रकार से देश की गरीब जनता के सम्मान पर सीधा हमला ही माना जाएगा। ऐसे में सवाल यह आता है कि देश के गरीब तबके के उत्थान को कांग्रेस नापसंद क्यों करती है। आज नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, और वे एक गरीब परिवार से आते हैं। उनका परिवार आज भी वैसा ही है, जैसा मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पूर्व था। इसके विपरीत कई नेता ऐसे भी हैं, जिनको पद मिलने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। इनसे कोई पूछे कि इतना पैसा कहां से आया? हालांकि वर्तमान राजनीतिक स्वरुप में किसी भी दल के पास वैसा सेवा भाव नहीं है, जैसी कल्पना की जाती है। हम जानते हैं कि राजनीति देश सेवा का एक रास्ता है, लेकिन आज इसके मायने बदलते दिखाई दे रहे हैं।
कांगे्रस नेता मणिशंकर अय्यर ने केवल यही विवादित बयान दिया है, ऐसा नहीं है। वे इससे पूर्व भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान से भी मदद मांग चुके हैं। वे आतंकवादी हाफिज सईद को पर्याप्त सम्मान भी दे चुके हैं। सवाल यह भी है कि कांग्रेस को अपने देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा भरोसेमंद पाकिस्तान लगता है। इस बार मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी को बहुत गंभीरता से इसलिए भी लिया जा रहा है, क्योंकि उनको ऐसा लगता हुआ दिखाई दे रहा है कि अब कांग्रेस में उनको प्रभावी भूमिका मिलने की उम्मीद लगभग समाप्त हो गई है। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कई कांग्रेस नेता निश्चित ही राजनीतिक संन्यास लेने की स्थिति में आ जाएंगे। हम यह भी जानते हैं कि बहुत पहले एक कांग्रेसी नेता ने तो यहां तक कहा था कि कांग्रेस में साठ वर्ष से ऊपर के नेताओं के दिन लद गए हैं।
वैसे यह कांग्रेस की मानसिकता रही है कि वे सत्ता के बिना पागल जैसे हो जाते हैं, बिना सत्ता की सुविधाओं के चलते वे जीवन भी नहीं जी पाते हैं। इतना ही नहीं कांग्रेसी नेताओं का पूरा परिवार ही इन सुविधाओं का लाभ लेता रहा है। मणिशंकर अय्यर जैसे नेता आज इस सत्य को भूल रहे हैं कि वे सत्ता में नहीं है। सत्ता बदल गई है। नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से पराजित होने वाली कांग्रेस जैसे बयान दे रही है, उससे ऐसा ही लगता है कि वह लोकतंत्र की ताकत को भूल गई है। इस देश में भले ही राजनीतिक दल सत्ता का संचालन करते हों, लेकिन वास्तविकता में देश की जनता ही असली सरकार है। लोकतंत्र की परिभाषा भी यही है। कांग्रेस को सोचना चाहिए कि वर्तमान में नाम के लिए भाजपा की सरकार है, लेकिन यह जनता की सरकार है। जनता के चुने हुए प्रधानमंत्री का सम्मान करना हर किसी का कर्तव्य है। अब मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं को यह भी सोचना चाहिए कि इस प्रकार के बयान खुद के लिए तो खतरनाक होते ही हैं, साथ अपने दल के लिए भी बहुत खतरनाक होते हैं। ऐसे में गुजरात चुनाव में कांग्रेस चुनाव हारती है तो इसमें मणिशंकर अय्यर का बहुत बड़ा योगदान होगा।

सुरेश हिन्दुस्थानी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,832 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress