यमुना में जहर के बयान में ‘ नायाब जाल में उलझे अरविंद केजरीवाल

वापिस बुलाना नहीं आता तो ब्रह्मास्त्र छोड़ना जरूरी है…

वापिस बुलाना नहीं आता तो ब्रह्मास्त्र चलाते क्यों हो!

सुशील कुमार ‘ नवीन ‘

महाभारत युद्ध में अपने पिता की मृत्यु से गुस्साए द्रोण पुत्र अश्‍वत्‍थामा ने पांडवों के समूल नाश के लिए ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया था। श्रीकृष्ण के कहने पर अर्जुन भी उसी क्षण ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करते हैं। यह देखकर महर्षि वेदव्यास जी घबरा जाते हैं। सकल सृष्टि विनाश को जानकर वे अपने बल से दोनों के ब्रह्मास्त्र को बीच में ही रोककर कहते हैं कि अपने-अपने ब्रह्मास्त्र वापस लो अन्यथा विनाश हो जाएगा। अर्जुन को तो ब्रह्मास्त्र वापस लेना आता है। ऐसे में वे तो उसे वापिस ले लेते हैं परंतु अश्वत्‍थामा कहता है कि मुझे ब्रह्मास्त्र छोड़ना तो आता है परन्तु वापिस लेना नहीं आता। तब वेदव्यास जी उसे कहते हैं कि मूर्ख! जब ज्ञान अधूरा है तो उसे प्रयोग करना जरूरी है क्या?  ठीक ऐसा ही फिलहाल दिल्ली चुनाव में घटित हुआ है।

  दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने चुनावी लाभ के लिए हरियाणा की तरफ ‘ यमुना में जहर ‘ ब्रह्मास्त्र छोड़ तो दिया पर बिना विचारे  छोड़ दिया। चुनावी लाभ के लिए जुबानी तरकश से छोड़ा यह तीर अब उन्हीं की तरफ चल पड़ा है। भाजपा को बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया। खास बात यह भी है कि दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ भी केजरीवाल के इस बयान को खारिज कर चुकी है। सीईओ शिल्पा शिंदे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केजरीवाल के दावे को गलत बताया है।

   हरियाणा में पुरानी और एक प्रसिद्ध कहावत है ‘ भैंस आपणे रंग नै ना देखै, छतरी नै देख कै बिधकै’। अर्थात् खुद की कमी पर ध्यान नहीं, और अपनी ही कमी के लिए दूसरों को दोषी ठहराने का प्रयास। 27 जनवरी को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की तरफ से दिल्ली को उपलब्ध कराए जा रहे पानी की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया था। उनका कहना था कि ,’लोगों को पानी से वंचित करना, इससे बड़ा पाप कुछ भी नहीं है। भाजपा अपनी गंदी राजनीति से दिल्ली की जनता को प्यासा छोड़ना चाह रही है। वे हरियाणा से भेजे जा रहे पानी में जहर मिला रहे हैं। यह प्रदूषित पानी इतना जहरीला है कि इसे दिल्ली में मौजूद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से उपचारित नहीं किया जा सकता है। भाजपा दिल्लीवासियों की सामूहिक हत्या करना चाहती है. पर हम ऐसा नहीं होने देंगे।’

  चुनावी महायुद्ध में इस तरह के बयान लाभ के उद्देश्यों के निमित आमतौर पर दिए जाते हैं। पर वो बयान जिसका न सिर हो और न पैर। फिर उसका क्या फायदा। हरियाणा पर इस तरह के बयानों का तीर छोड़ना चुनावी जानकारों की समझ से दूर है। चुनाव दिल्ली का और आप निशाना हरियाणा को बना रहे हो। यह कोई समझदारी तो है नहीं। खैर बयान दे दिया तो कम से कम उसकी मजबूती तो परख लो। उड़ता तीर पकड़ना खुद के लिए भी तो आत्मघाती हो सकता है। इस बारे में भी जरा विचार कर लेना चाहिए था।

    फिलहाल यमुना के पानी में जहर का बयान दिल्ली चुनाव का अब हॉट टॉक बन चुका है। चुनाव आयोग ने नोटिस दिया। जिसका जवाब केजरीवाल खुद पेश होकर दे चुके हैं। हरियाणा में केस दायर हो चुका है। स्वयं सरकार मानहानि का मुकदमा दायर करने के मूड में है। बयान में कुछ मजबूती बनती यदि दिल्ली से ही केजरीवाल को स्पोर्ट मिलता पर यहां तो चाल ही उल्टी पड़ गई है। दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ ही अरविंद उनका बयान खारिज कर चुकी हैं। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में साफ कहा गया कि फैक्ट गलत और भ्रामक हैं। ऐसे बयानों से दिल्ली वासियों में डर पैदा होता है वही अन्य राज्यों के साथ संबंधों पर भी बुरा प्रभाव होता है। हालांकि दिल्ली की सीएम आतिशी ने जल बोर्ड की सीईओ के पत्र पर रिएक्ट कर चुकी हैं। उनके अनुसार उपराज्यपाल के दबाव की वजह से दिल्ली जल बोर्ड ने लेटर जारी किया।

  दिल्ली भाजपा के लिए भी यह किसी बड़ी संजीवनी से कम नहीं है। तुरंत इस बयान को आड़े हाथ लेकर चुनावी लाभ लेने  के प्रयास शुरू हो गए। हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी स्वयं पानी पीकर दिखा चुके हैं। साथ ही जहां चुनावी प्रचार के लिए जा रहे हैं, पानी का कलश साथ लिए जा रहे हैं। हरियाणा भाजपा तो इस बयान के बाद दिल्ली में और ज्यादा सक्रिय हो गई है। नायब सिंह सैनी हरियाणा में अपनी छवि से भाजपा की सत्ता में वापसी करा चुके हैं । दिल्ली भाजपा अब उनका यहां पूरा लाभ उठा रही है। ऐसे में इस बयान से आम आदमी पार्टी को फायदे की जगह नुकसान ही ज्यादा होने की संभावना है। चुनाव में यमुना की सफाई की मुद्दा फिर प्रमुखता से चर्चा में आ गया है। भाजपा और कांग्रेस पहले से ही यमुना के प्रदूषण को मुद्दा बनाने के प्रयास में थी। अब स्वयं केजरीवाल ने हरियाणा से आने वाले यमुना पानी में जहर होने का मुद्दा उठाकर दिल्ली में पानी के मामले को और हॉट इश्यू बना दिया है। वैसे भी दिल्ली में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति बड़ी समस्या है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस यमुना की सफाई के मुद्दे को लेकर आप सरकार के खिलाफ आक्रामक हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बार बार कह रहे हैं कि केंद्र सरकार की ओर से  8500 करोड़ रुपये दिए जाने के बावजूद दिल्ली सरकार यमुना की सफाई नहीं कर पाई। जानकारों की मानें तो केजरीवाल ने यमुना में जहर होने की बात को उठाकर विपक्ष को शानदार मंच प्रदान कर दिया है। अब इसका लाभ किसे मिलेगा यह भविष्य के गर्भ में है।

लेखक; सुशील कुमार ‘नवीन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,270 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress