कविता अभिषेक पुरोहित की कविता August 29, 2011 / December 7, 2011 | 5 Comments on अभिषेक पुरोहित की कविता क्या जीवन! यंत्रवत चलते रहना ??? भौतिकी में दिन भर खपना, रात्रि में करना उसका चिंतन !! नश्वर-नष्ट होने वाली वस्तु के पीछे घूमते जाना यूं ही उम्र भर | अंत समय में कहना, गर्व से छोड़ा मैंने पीछे अपने, बंगा पुत्र-परिवार || जीवंत-चैतन्य खोजता जड़ को, महामाया के चक्र, पिसना है जीवन ? या […] Read more »