कविता अरुणा की चार प्रेम कविताएं July 15, 2010 / December 23, 2011 | 4 Comments on अरुणा की चार प्रेम कविताएं (1) हर मुलाकात के बाद जो चीज हममें कामन थी वो था हमारा भोलापन और बढता गया वह हर मुलाकात के बाद पर दुनिया हमेशा की तरह केवल सख्तजां लोगों के लिए सहज थी सो हमारा सांस लेना भी कठिन होता गया और अब हम हैं मिलते हैं तो गले लग रोते हैं अपना आपा […] Read more » Love प्रेम