राजनीति हिंदुस्तान की विदेश नीति : बदलते वैश्विक परिदृश्य में नई दिशा और चुनौतियाँ September 4, 2025 / September 4, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा 21वीं सदी की अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में हिंदुस्तान का स्थान तेजी से बदल रहा है। एक ओर यह पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, दूसरी ओर दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताक़त। इसकी 1.4 अरब से अधिक जनसंख्या, विशाल युवा शक्ति, मजबूत आईटी और अंतरिक्ष तकनीक, परमाणु क्षमता, रक्षा ताक़त और सांस्कृतिक धरोहर इसे वैश्विक मंच पर एक निर्णायक […] Read more » हिंदुस्तान की विदेश नीति
लेख शख्सियत गुरुजी शिबू सोरेन : झारखंड की आत्मा, अस्मिता और संघर्ष के प्रतीक September 3, 2025 / September 3, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा झारखंड की धरती संघर्षों, बलिदानों और असंख्य जनांदोलनों की साक्षी रही है। यहां के पहाड़ों, नदियों और जंगलों ने बार-बार उस पुकार को सुना है जिसमें आदिवासी अस्मिता, जल-जंगल-जमीन और अस्तित्व की रक्षा की गूँज रही है। इस संघर्ष की सबसे ऊँची आवाज़ और सबसे दृढ़ संकल्पित व्यक्तित्व रहे गुरुजी शिबू सोरेन।गुरुजी का नाम झारखंड की […] Read more » गुरुजी शिबू सोरेन
राजनीति बिहार में चुनाव सुधार और मतदाता पुनरीक्षण : लोकतंत्र की मजबूती बनाम सियासत की चाल August 4, 2025 / August 4, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा लोकतंत्र की असली ताक़त मतदाता होता है। मतदाता का अधिकार केवल एक पर्ची या बटन दबाने तक सीमित नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव का प्रतीक है। लेकिन जब मतदाता सूची ही त्रुटिपूर्ण, अधूरी और संदिग्ध हो, तो लोकतंत्र की पूरी इमारत खोखली हो जाती है। बिहार—जो हिंदुस्तान की राजनीति का धड़कता दिल माना जाता है—आज इसी चुनौती से जूझ […] Read more » Election reform and voter revision in Bihar: Strengthening of democracy versus political tactics बिहार में चुनाव सुधार
राजनीति गिरती छतें, टूटते सपने: क्या गरीबों की जान की कोई क़ीमत नहीं? July 31, 2025 / July 31, 2025 | Leave a Comment लेखक: अशोक कुमार झा क्या आपने कभी सुना है कि किसी कलेक्टर का घर गिर गया हो? किसी मंत्री के आवास की छत भरभरा कर ढह गई हो? या किसी नौकरशाह की कोठी किसी बारिश में ढह गई हो? नहीं ना? क्योंकि ऐसा होता ही नहीं है। उनके मकानों की समय-समय पर मरम्मत होती है, […] Read more » Falling roofs Jhalawar's horrific accident झालावाड़ का भयावह हादसा
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म घुरती मेला का संघर्ष : क्या हम अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं? July 10, 2025 / July 10, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा रांची की धरती न केवल जंगलों, जल और जनजातीय आत्मा की पहचान रही है, बल्कि यहां की परंपराएं और सांस्कृतिक मेलों ने सदियों से इस धरती की आत्मा को जीवित रखा है। इन्हीं परंपराओं में एक “घुरती रथ मेला” भी है, जो न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि आदिवासी और स्थानीय ग्रामीण जीवनशैली का उत्सव भी है। हर वर्ष यह […] Read more » Ghurti Mela घुरती मेला
Tech राजनीति स्टारलिंक की भारत में एंट्री: इंटरनेट की दुनिया में क्रांति या महंगा सपना? June 8, 2025 / June 9, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा भारत में इंटरनेट सेवा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक और विश्व के सबसे चर्चित उद्यमियों में से एक एलन मस्क की सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक (Starlink) को आखिरकार भारत में काम करने का आधिकारिक लाइसेंस मिल गया है। यह सेवा अब उन क्षेत्रों में […] Read more » Starlink Starlink's entry into India Starlink's entry into India: Revolution in the internet world or an expensive dream?
राजनीति जब देश हुआ पहले: विदेश में ओवैसी और थरूर ने रखा भारत का पक्ष May 26, 2025 / May 26, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा 7 मई 2025 को हिंदुस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से एक स्पष्ट संदेश दे दिया — अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उसकी जड़ तक पहुंच कर उसका समूल नाश किया जाएगा। इससे पहले 3 मई को अमरनाथ यात्रा मार्ग पर पहल्गाम में हुए नरसंहार ने देश की आत्मा को झकझोर दिया। महिलाओं […] Read more » विदेश में ओवैसी और थरूर ने रखा भारत का पक्ष
राजनीति पाकिस्तान की ‘सांसें बंद’ धमकी और हिंदुस्तान की निर्णायक जलनीति May 25, 2025 / May 26, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा “तुम पानी रोकोगे, हम तुम्हारी सांसें बंद कर देंगे” – यह लफ्ज़ किसी आतंकी माफिया के नहीं, बल्कि एक देश की फौज के प्रवक्ता के हैं।21वीं सदी के लोकतांत्रिक और वैश्विक मूल्यों के दौर में जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन, शांति, और समावेशी विकास पर बात कर रही है, उस समय पाकिस्तान जैसे देश की सेना ने एक बार […] Read more » पाकिस्तान की 'सांसें बंद' धमकी
लेख जब ट्रेनें बन जाएँ डर की सवारी: राप्तीसागर एक्सप्रेस पर पथराव, व्यवस्था पर बड़ा तमाचा May 20, 2025 / May 20, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा 18 मई 2025 की रात देश की प्रतिष्ठित लंबी दूरी की राप्तीसागर एक्सप्रेस पर जब सीवान-छपरा रेलखंड के बीच पत्थरों की बरसात हुई तो एक बार फिर देश की रेल सुरक्षा व्यवस्था, सामाजिक तंत्र और प्रशासनिक संवेदनशीलता कठघरे में खड़ी हो गई।मुजफ्फरपुर के युवा यात्री विशाल कुमार के सिर पर पत्थर लगने से बहता लहू केवल उनकी […] Read more » a big slap on the system When trains become rides of fear: Stone pelting on Rapti Sagar Express राप्तीसागर एक्सप्रेस पर पथराव
लेख चलती चिता बनती बसें: निजी परिवहन की अंधी दौड़ और बेबस यात्रियों की चीखें May 16, 2025 / May 16, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा 15 मई 2025 की वह सुबह लखनऊ के लिए एक और मनहूस सुबह बनकर आई, जब बिहार के बेगूसराय से दिल्ली की ओर जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस (संख्या: UP17 AT 6372) लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में किसान पथ पर आग का गोला बन गई। इस भीषण हादसे में पांच निर्दोष यात्रियों की ज़िंदा जलकर मौत हो […] Read more » Buses turning into moving pyres: The blind race of private transport and the cries of helpless passengers चलती चिता बनती बसें चलती चिता बनती बसें: निजी परिवहन की अंधी दौड़ और बेबस यात्रियों की चीखें
राजनीति जब न्याय बिकने लगे और सेवक राजा बनने लगें — खतरे में है लोकतंत्र का संतुलन May 6, 2025 / May 6, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा भारतीय लोकतंत्र का ढांचा तीन मज़बूत स्तंभों—विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका—पर खड़ा है। ये तीनों मिलकर देश को चलाते हैं, संविधान की आत्मा को ज़िंदा रखते हैं और आम नागरिक को न्याय, सुरक्षा व समृद्धि का भरोसा दिलाते हैं लेकिन आज यही स्तंभ एक-दूसरे से टकरा रहे हैं, खींचतान के हालात पैदा कर रहे हैं और इस […] Read more » खतरे में है लोकतंत्र का संतुलन
राजनीति जब व्यक्तिगत संबंध बन जाएं राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न May 5, 2025 / May 5, 2025 | Leave a Comment अशोक कुमार झा पहलगाम में हुए अमानवीय आतंकी हमले ने देश को हिला दिया। 26 निर्दोष लोगों की हत्या केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि आतंकवाद के उस चेहरों की याद है जो बार-बार हमारी धरती पर खून बहाते हैं। इस हमले के तुरंत बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश जारी किया—और इसी बीच एक ऐसा […] Read more » राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न