लेख वर्ण धर्म और भक्ति : हरि को भजे सो हरि का होई December 28, 2017 / December 28, 2017 | Leave a Comment डॉ. चंदन कुमारी क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर– इन पंचभूतों की समनिर्मिति है समग्र सृष्टि फिर भेद-भाव वाली द्वैतबुद्धि का औचित्य कैसा ! गोस्वामी तुलसीदास के काव्य में वर्णाश्रम धर्म की मर्यादा झलकती है | उस वर्णाश्रम धर्म का मूल स्वरूप मानो आज धूमिल हो गया है और उसके भ्रामक संस्करण को गले लगाकर […] Read more » caste caste Religion and Devotion Devotion Religion धर्म भक्ति वर्ण