लेख विविधा समाज सार्थक पहल एक हथिनी ‘माधुरी’ के बहाने धर्म का पुनर्पाठ August 8, 2025 / August 8, 2025 | Leave a Comment -स्वामी देवेन्द्र ब्रह्मचारी – नांदणी जैन मठ की गजलक्ष्मी हथिनी माधुरी, जो 35 वर्षों से मठ की सेवा में थी, को पेटा की याचिका पर जामनगर भेजा गया था, जिससे जैन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। न केवल महाराष्ट्र में बल्कि समूचे जैन समाज में आक्रोश को देखते हुए महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने […] Read more » Rereading of religion through an elephant 'Madhuri' हथिनी ‘माधुरी’ के बहाने धर्म का पुनर्पाठ
धर्म-अध्यात्म लेख क्षमा है युद्ध एवं शत्रुता का समाधान September 13, 2024 / September 13, 2024 | Leave a Comment क्षमावाणी दिवस- 18 सितम्बर, 2024-देवेन्द्र ब्रह्मचारी – दिगम्बर जैन समाज का सबसे अहम आत्म शुद्धि का महापर्व दशलक्षण पर्व इस वर्ष भादो सुदी पंचमी 8 सितम्बर से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी 17 सितम्बर तक मनाया जा रहा है। उत्तम क्षमा से प्रारम्भ होकर क्षमावाणी पर्व पर यह संपन्न होगा, दस दिनों तक क्रमशः दस धर्मों की आराधना […] Read more »
धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार आत्मा के उन्नयन एवं उत्कर्ष महापर्व-पर्युषण August 29, 2024 / August 29, 2024 | Leave a Comment पर्युषण महापर्व ( 31 अगस्त से 7 सितम्बर 2024) पर प्रकाशनार्थ-देवेन्द्र ब्रह्मचारी –जैनों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है पयुर्षण पर्व। यह पर्व ग्रंथियों को खोलने की सीख देता है। इस आध्यात्मिक पर्व के दौरान कोशिश यह की जाती है कि जैन कहलाने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को इतना मांज ले कि वर्ष भर की जो […] Read more » पर्युषण महापर्व
राजनीति आखिर पश्चिम बंगाल में इतना महा भयंकर उत्पात क्यों मचा है? May 7, 2021 / May 7, 2021 | Leave a Comment देवेंद्र सिंह आर्य असम में घुसपैठ के खिलाफ चले आंदोलन के कारण 1981 के बाद घुसपैठिये असम की बजाय प.बंगाल और उत्तर प्रदेश में जाकर बसने लगे। 1981 से 1991 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम जनसंख्या वृद्धिदर 32.90 प्रतिशत थी पर प. बंगाल के जलपाईगुड़ी जिला में यह 45.12 प्रतिशत, दार्जिलिंग जिला में 58.55 […] Read more » why has there been such a terrible panic in West Bengal? पश्चिम बंगाल में इतना महा भयंकर उत्पात
विविधा जैविक विविधता का सिमटता दायरा April 27, 2014 | 1 Comment on जैविक विविधता का सिमटता दायरा -देवेन्द्र कुमार- दशकों तक दक्षिण बिहार के किसानों को कथित आधुनिक खेती की तकनीक अपनाये जाने की प्रेरणा दी जाती रही, परंपरागत तकनीक और बीजों को पिछड़़ा और अलाभकर बतलाते हुए छोड़ने की सलाह दी जाती रही। पईन, पोखर, आहर, नाला की परंपरागत व्यवस्था के बदले डीजल इंजन, पम्प सेट लगवाने पर जोर दिया जाता […] Read more » biological diversity जैविक विविधता
चुनाव राजनीति मोदीमय भाजपा की सच्चाई April 20, 2014 / April 20, 2014 | 1 Comment on मोदीमय भाजपा की सच्चाई -देवेन्द्र कुमार- कभी अपने चाल ,चलन और चरित्र पर इठलाती – इतराती रही भाजपा का नरेन्द मोदी का राजनीतिक विस्तार के साथ ही व्यक्तित्व केन्द्रित हो जाना एक तल्ख सच्चाई बन चुकी है। यद्धपि पहले भी भाजपा अपने नेतृत्व चयन में जिस प्रजातांत्रिक प्रक्रिया का ढि़ंढोंरा पिटती रहती थी, वह एक छलावा ही था, क्योंकि […] Read more » Truth behind Modi मोदीमय भाजपा की सच्चाई
विविधा सम्पूर्ण क्रांति का वाट जोहते बोधगया के नवभूधारी महादलित April 5, 2014 | Leave a Comment -देवेन्द्र कुमार- महात्मा बुद्ध की ज्ञानस्थली, डॉ. विनियन से लेकर महापंडित राहुल सांकृत्यायन , स्वामी सहजानन्द सरस्वती की कर्मस्थली और विभिन्न नक्सली समूहों के लिए प्रयोगस्थली रही बोधगया में आज से करीबन चार दशक पूर्व एक ऐतिहासिक भूमि संघर्ष के परिणामस्वरुप बोधगया महंत के कब्जे से तकरीबन दस हजार एकड़ भूमि महादलित परिवारों के बीच […] Read more » Bodhgaya Mahadalit सम्पूर्ण क्रांति का वाट जोहते बोधगया के नवभूधारी महादलित
चिंतन न्यायपालिका के सामाजिक आधार में विस्तार की जरूरत March 13, 2014 | Leave a Comment -देवेन्द्र कुमार- भारत की सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था में न्यायपालिका को सामाजिक परिवर्तन के एक हथियार के रूप में देखा जाता रहा है और न्यायपालिका ने अपने कई महत्वपूर्ण फैसले के द्वारा सामाज को एक नई दिशा देने की कोशिश भी की है। बाबजूद इसके, न्यायपालिका का जो सामाजिक गठन रहा है, सामाज के जिस हिस्से, तबके […] Read more » judiciary needs social spread न्यायपालिका के सामाजिक आधार में विस्तार की जरूरत
राजनीति आरक्षणः राजनीतिक सत्ता में सामाजिक सहभागिता का टुल्स February 17, 2014 / February 17, 2014 | Leave a Comment -देवेन्द्र कुमार- आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बाहर निकलता दिख रहा है । इस बार इसे बाहर निकालने का श्रेय जाता है कांग्रेसी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी को । अपने हालिया व्यक्तव में जनार्दन द्विवेदी ने इसको आर्थिक आधार पर लागू करने का सुक्षाव दिया है। लगे हाथ योग -संतई छोड़ राजनीति में अपनी […] Read more » Reservation and politics आरक्षण राजनीतिक सत्ता में सामाजिक सहभागिता का टुल्स
विविधा निदो तानिया की हत्या से उपजे सवाल February 15, 2014 | Leave a Comment -देवेन्द्र कुमार- पूर्वोतर की सात बहनों में से एक अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निदो पवित्र के बेटे निदो तानिया का देश की राजधानी दिल्ली में सरेआम जधन्य हत्या मानवता को शर्मसार करने वाला है और भारतीय राष्ट्र-राज्य की सामाजिक सहभागिता और एकता पर गहरे सवाल खड़े करता है। यहां सवाल सिर्फ तानिया का […] Read more » Nido Tania death questions on Nido Tania निदो तानिया की हत्या से उपजे सवाल
राजनीति सविता बहन यहां रोना मना है! February 8, 2014 | Leave a Comment -देवेन्द्र कुमार- झारखंड के निर्माण में गुरु जी के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त शिबु सोरेन की केन्द्रीय भूमिका से उनके धुर-विरोधी भी इनकार नहीं करते। यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि शिबू सोरेन की पकड़ झारखंड के कोने-कोने पर है। अपनी पूरी जवानी इन्होंने झारखंड के नाम कुर्बान की है। जल, जंगल और […] Read more » Jharkhand Shibu soren सविता बहन यहां रोना मना है!
राजनीति चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त January 28, 2014 / January 28, 2014 | 1 Comment on चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त -देवेन्द्र कुमार- यद्यपि आम आदमी पार्टी का राजनीतिक क्षितिज पर उदय के कारण राष्ट्रीय राजनीति में तीसरे मोर्चा की चर्चा थोड़ी थमती नजर आती है, पर अंदरखाने इस सोच पर विराम नहीं लगा है। माकपा-भाकपा के साथ ही अन्य क्षेत्रीय पार्टियां इसमें अपना भविष्य तलाश रही हैं। इधर, उतरप्रदेश की राजनीति से स्व-निर्वासित होकर […] Read more » Indian Politics need of fourth front in politics चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त