कहानी कलयुग के देवता May 24, 2017 / May 24, 2017 | Leave a Comment कहने को आजाद हो गये हम पर मिली आजादी किस बात की जब बिना रिश्वतखोरी के आती नहीं है साँसभी। घर से निकलते होती है मुलाकात रिश्वतखोर दलालों से येहैं कलयुग के देवता पाला न पड़े गद्दारों से।। कैसे छुपायें, पचती नहीं गैस बनती है बात भी बिना रिशवतखोरी के आती नहीं है साँसभी।। करप्सन,करप्शन, […] Read more »