लेख पीएचडी छात्रों के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के मायने October 23, 2024 / October 23, 2024 | Leave a Comment नेट पर बढ़ती निर्भरता अनजाने में भारत में शोध के दायरे को सीमित कर सकती है। अनुसंधान विचार, कार्यप्रणाली और परिप्रेक्ष्य की विविधता पर पनपता है। नेट जैसे मानकीकृत परीक्षण, जो आलोचनात्मक सोच पर याद रखने को प्राथमिकता देते हैं, ऐसे विद्वान पैदा कर सकते हैं जो परीक्षा उत्तीर्ण करने में माहिर हैं लेकिन ज्ञान […] Read more » Meaning of National Eligibility Test for PhD students राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा
राजनीति दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में क्यों होते है सिग्नल फेल? October 16, 2024 / October 16, 2024 | Leave a Comment प्रियंका सौरभ भारत का रेलवे बुनियादी ढांचा विशाल लेकिन पुराना है, जिससे विभिन्न कमियों के कारण दुर्घटनाओं का ख़तरा बना रहता है। हाल ही में सिग्नल की विफलता के कारण मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस चेन्नई के पास एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे मज़बूत सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश पड़ा। दुनिया के सबसे बड़े […] Read more » Why do signals fail in the world's largest railway network? रेलवे नेटवर्क रेलवे नेटवर्क में सिग्नल फेल
लेख ‘कार्बन खेती’ में छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभ का द्वार। October 7, 2024 / October 7, 2024 | Leave a Comment कृषि में कार्बन क्रेडिट बाजार अभी प्रारंभिक अवस्था में है और इसके लिए सख्त नियामक प्रणाली की आवश्यकता है। छोटे पैमाने के किसान जो कम कार्बन और वनों की कटाई से मुक्त पद्धतियों को लागू करते हैं, वे कार्बन बाजारों से लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में हैं। कार्बन बाजार उन किसानों को मुआवजा […] Read more » carbon farming कार्बन खेती
राजनीति समाज हरियाणा का खराब लिंगानुपात क्यों नहीं बना चुनावी मुद्दा? October 1, 2024 / October 1, 2024 | Leave a Comment ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के शुरुआती साल 2014 में लिंगानुपात में कुछ सुधार के बाद हरियाणा में यह फिर से बिगड़ने लगा है। एक साल में ही हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात में बड़ा सुधार हुआ। एक हज़ार लड़कों के मुकाबले 900 लड़कियों के जन्म के साथ ही यह बीते 20 साल के […] Read more » हरियाणा का खराब लिंगानुपात
राजनीति लेख समाज धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर August 19, 2024 / August 19, 2024 | Leave a Comment धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर,हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए। महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान करती हैं। अक्सर, मामले या तो दर्ज नहीं किए जाते हैं या पूरी […] Read more »
लेख समाज लुटती जाए द्रौपदी, जगह-जगह पर आज। August 14, 2024 / August 14, 2024 | Leave a Comment अगर यह बलात्कार संस्कृति नहीं है, जिसे समाज के समझदार पुरुषों और महिलाओं, संस्थानों और सरकारी अंगों द्वारा समर्थित और बरकरार रखा जाता है, तो यह क्या है? आप सभी कानून, सभी तेज़ अदालतें, यहाँ तक कि मौत की सज़ा भी ला सकते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं बदल सकता जब तक कि एक समान […] Read more »
लेख सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को आकार देती हैं पाठ्यपुस्तकें July 25, 2024 / July 25, 2024 | Leave a Comment एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें भारत की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ वे छात्रों के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, समकालीन मूल्यों को प्रतिबिंबित करने और छात्रों के बीच अधिक समग्र समझ को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक सामग्री […] Read more » Textbooks shape social and cultural values
लेख मिट्टी में मिलते जा रहे, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के अरमान July 19, 2024 / July 19, 2024 | Leave a Comment मिट्टी के बर्तन बनाने के अलावा इनके पास और कोई दूसरा रोजगार नहीं है, न ही कृषि करने के लिए इनके पास भूमि है। और न अन्य साधन, जिससे आय का आवक हो पाए। यह जैसे-तैसे करके अपने परिवार को पाल रहे हैं। मौजूदा दौर में एल्युमीनियम, थर्माकोल व प्लास्टिक बर्तनों का खूब चलन चला […] Read more »
राजनीति कमी के समय कीमतों में कमी लाये सरकारी बफर स्टॉक July 15, 2024 / July 15, 2024 | Leave a Comment गेहूं और चने की खुले बाजार में बिक्री से अनाज और दालों की बढ़ती महंगाई को रोकने में मदद मिली है। बढ़ती जलवायु-संचालित आपूर्ति झटकों और मूल्य अस्थिरता के बीच बफर स्टॉक को अन्य प्रमुख खाद्य पदार्थों तक बढ़ाना समझदारी है। मूल्य वृद्धि को कम करने के लिए बफर स्टॉक को चावल, गेहूं और चुनिंदा […] Read more » सरकारी बफर स्टॉक
लेख भीषण गर्मी से खुला काम करने वाले मजदूरों को सबसे ज्यादा नुकसान क्यों ? June 19, 2024 / June 19, 2024 | Leave a Comment भारत में हाल ही में आई भीषण गर्मी से डेली वर्कर्स, विशेषकर डिलीवरी कर्मियों, ईंट-भट्ठों पर काम करने वालों और दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए कामकाजी परिस्थितियां गंभीर हो गई हैं। भीषण गर्मी ने खुला काम करने वाले वर्कर्स के लिए कठोर कार्य स्थितियों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है। इस भीषण […] Read more » Why do laborers working outdoors suffer the most from the scorching heat?
लेख समाज छात्रों में तनाव और चिंता का कारण बनती प्रश्नपत्र लीक होने की बढ़ती घटनाएं June 14, 2024 / June 14, 2024 | Leave a Comment यह दुर्भाग्य की बात है कि शिक्षा क्षेत्र की कई समस्याओं के समाधान की कोई राह नहीं दिख रही है। इन्हीं में से एक है प्रश्नपत्र लीक होने की समस्या। शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहां किसी न किसी प्रतियोगी या नियमित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सुर्खियों में न रहता हो। प्रश्नपत्र […] Read more » Increasing incidents of question paper leaking causing stress and anxiety among students
राजनीति वोटर लिस्ट में बढ़ती महिलाएं संसद में कब बढ़ेगी? May 22, 2024 / May 22, 2024 | Leave a Comment महिलाओं का वोट 48%, फिर सीटें 14% ही क्यों? भारत की महिला मतदाता; एक ताकत है जिसे गिना जाना चाहिए। राजनीतिक दल कल्याणकारी योजनाओं और रियायतों के वादों के साथ महिलाओं के वोट हासिल करने की होड़ में हैं, लेकिन सच्चा सशक्तिकरण अभी भी मायावी है। जब तक राजनीतिक पार्टियां अधिक से अधिक महिलाओं को टिकट नहीं देती, तब तक […] Read more » When will the increasing number of women in the voter list increase in Parliament? वोटर लिस्ट में बढ़ती महिलाएं