जन-जागरण प्रामाणिकता के लिए कितना जायज हैं लिंग प्ररीक्षण August 6, 2012 / August 6, 2012 | Leave a Comment राजीव बिशनोई लॉरेनॉ रेक्स केमरोन, रेयान कई ऐसे नाम है जिन्होनें कुदरत को चुनौती दी। जन्म से ये लोग स्त्री लिंग के साथ पैदा हुए जो बाद में जेन्डर ट्रांस के जरीए पुरुष बनें। लॉरेना रेक्स आज पेशेवर रुप से फोटोग्राफर हैं । एंड्रियास क्रिगर जन्म से पुरुष थें जिन्हे महिला एथेलिट के रुप में […] Read more » लिंग प्ररीक्षण
राजनीति विनायक सेन : व्यवस्था की उपज……… February 9, 2011 / December 15, 2011 | 6 Comments on विनायक सेन : व्यवस्था की उपज……… राजीव बिश्नोई “ईश्वर ने सब मनुष्यों को स्वतन्त्र पैदा किया हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्वतंत्रता वहीं तक दी जा सकती हैं, जहाँ दुसरों की आजादी में दखल न पड़े। यही राष्ट्रीय नियमों का मूल हैं” जयशंकर प्रसाद का ये कथन किसी भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था वाले देश के लिए सटीक बैठता हैं। तो आखिर विनायक सेन ने ऐसा […] Read more » Vinayak Sen विनायक सेन
राजनीति राष्ट्रवाद का बदलता स्वरूप December 4, 2010 / December 19, 2011 | 1 Comment on राष्ट्रवाद का बदलता स्वरूप -राजीव बिश्नोई धर्म और राष्ट्र पर बहस करने पर वोल्तेयेर का एक कथन याद आता है …….. “हो सके मैं आपके विचारों से सहमत ना हो पाऊ, फिर भी मैं अपने विचार प्रकट करने के अधिकारों की रक्षा करूगां……।” क्योंकि सभी का राष्ट्रवाद पर एकमत होना नामुमकिन हैं ख़ासकर सामाजिक चिंतकों का साधारण जन मानस […] Read more » Nationalism राष्ट्रवाद