कविता
हवा की नाराजगी
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हैरान हू, कि, आज हवा भी मुझसे नाराज है, पेरशान हूँ कि, जमीन मेरे भावनओं पर टिकी है, बसंत के मौसम में, मुरझाया हुआ सा हूँ, कला साहित्य से प्रेम होने पर भी, सिर्फ , चंद किताबों को टटोलता रहा, सोचने के तरीकों में, अनायास परिवर्तन आ गया, रास्ते में खड़े होकर, बार बार, वक़्त […]
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