कविता किस्मत से जंग July 18, 2014 | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- किस्मत के साथ मेरी, चल रही इक जंग है, न कोई हथियार है, न कोई संग है। कभी भारी पलड़ा उसका तो कभी मेरा रहा, उसके दिए रह चोट का दर्द तो मैने सहा। तोड़ना वो चाहती मुझको, कर के अपने तो सितम, उसके हर वार को सहने का तो मुझमें है तो […] Read more » किस्मत कविता किस्मत से जंग
कविता उड़ान July 17, 2014 | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- एक दिन बैठकर मैं, बस यही सोचता था, किस तरह से उड़ते हैं पक्षी, क्या उनकी उड़ान है। गिरने का न डर है उनको, उनकी यह पहचान है, सोचते-सोचते आखिर, पहुंच गया उस दौर तक, पंख तो होते हैं उनके, पर उनके हौसलों में जान है। कभी यहां तो कभी वहां, क्या गज़ब […] Read more » उड़ान पक्षी पक्षी कविता
राजनीति बीजेपी वाले दुल्हनियां ले आएंगे July 8, 2014 | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- एक बार फिर से चुनावी मैदान सजने को तैयार हैं। सभी राजनीतिक दल इस मैदान में उतरने के लिए अपनी कमर कस रहे हैं। गत वर्ष होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव में एक दूसरे को चित करने के लिए राजनीतिक दल सक्रिय होने लगे है। ज़नता को लुभावने वादे और घोषणा पत्र […] Read more » ओपी धनखड़ धनखड़ का बयान भाजपा
राजनीति फैलता गुंडाराज, बेबस मुखिया July 6, 2014 / July 6, 2014 | Leave a Comment एक बदलाव जो प्रदेश की जनता चाहती थी। 2007 में आई बीएसपी सरकार से छुटकारा पाने का नया विकल्प तलाश रही थी। मायावती की सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखा था। पर सरकार की छवि विकास से डगमगा गई। मूर्तियों और पार्कों के निर्माँण ने सरकार पर उगुंली उठाई। जिसका ख़ामियाजा 2012 […] Read more »
राजनीति कहीं दाग न लग जाए July 4, 2014 / July 4, 2014 | Leave a Comment रवि श्रीवास्तव महगाई और भ्रष्टाचार से परेशान ज़नता ने इस बार लोकसभा चुनाव में अपना फैसला 10 साल से राज कर रही यूपीए को ठुकराकर बीजेपी के हक़ में दिया। सरकार बने अभी एक महीने नही हुए थे कि रेल किराए और रेल भाड़े में बढ़ोतरी होने से विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू […] Read more » कहीं दाग न लग जाए-
राजनीति आप क्यों हो रही है हताश July 3, 2014 / July 3, 2014 | 2 Comments on आप क्यों हो रही है हताश रवि श्रीवास्तव पूरे देश में अपनी पहचान बना चुकी आप (आम आदमी पार्टी) अब हताशा के बादल में घिरती जा रही है। बड़े-बड़े वादों के साथ लोगों पर अपना विश्वास ज़माने में आप को जरा भी देरी नही लगी थी। पर आप के भाग्य में कुछ और ही लिखा था। कहते हैं कि दिवाली की […] Read more » why AAP is getting frustrated आप क्यों हो रही है हताश