कविता आज का अध्यापक November 11, 2010 / December 20, 2011 | 6 Comments on आज का अध्यापक आज का अध्यापक शीक्षा का व्यवसायी कर्ण करता जा रहा है । आज का अध्यापक पेट भरने के लीए अध्यापक बनता जा रहा है अध्यापक का पद नहीं मिला तो क्या हुआ । सीपाही के पद के लीए ही फारम भरता जा रहा है आज का अध्यापक शीक्षा का व्यवसायी कर्ण करता जा रहा है […] Read more » Teacher अध्यापक
कविता बैठ कुऐं की मुंडेर पे November 8, 2010 / December 20, 2011 | 3 Comments on बैठ कुऐं की मुंडेर पे सहेली आ बैठ मेरे पास मनं की दो बातें कर लूँ फीर भर के घड़ा पानी का अपने घर को चल दूँ सहेली आ बैठ मेरे पास मनं की दो बातें कर लूँ फीर भर के घड़ा पानी का अपने घर को चल दूँ सुबह से सोच रही थी कब , भरने पानी मैं जाऊं […] Read more » Sit बैठ