विश्ववार्ता समाज क्या कठमुल्लाओं की साज़िश का शिकार है इस्लामी जगत ? September 20, 2020 / September 20, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़री पाकिस्तान के महानगर कराची में गत 11-12 सितंबर को सुन्नी (अहल-ए-सुन्नत) मुसलमानों के विभिन्न संगठन जिस समय सामूहिक रूप से एक विशाल प्रदर्शन पाकिस्तान के शिया समुदाय को लक्ष्य बनाते हुए आयोजित कर रहे थे और कई वक्ता जिनमें अधिकांशतः मौलवी,मुफ़्ती,हाफ़िज़ व क़ारी आदि ही थे,लाखों की भीड़ को देखकर उत्साहित होते हुए […] Read more » इस्लामी जगत कठमुल्लाओं की साज़िश साज़िश का शिकार है इस्लामी जगत
विविधा हिंद स्वराज राफ़ेल: एक नज़र इधर भी September 13, 2020 / September 13, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़री भारत चीन के बीच चल रही ज़बरदस्त तना तनी के बीच फ़्रांस निर्मित बहुचर्चित एवं विवादित युद्धक विमान ‘राफ़ेल’ गत 10 सितम्बर को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया। इस अवसर पर अम्बाला छावनी स्थित वायुसेना स्टेशन पर एक समारोह आयोजित हुआ जिसमें भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,उनकी […] Read more » अंबाला एयर फ़ोर्स स्टेशन राफ़ेल
टेलिविज़न मनोरंजन पत्रकारिता को कलंकित करते ये आधुनिक टी वी एंकर्स August 2, 2020 / August 2, 2020 | 1 Comment on पत्रकारिता को कलंकित करते ये आधुनिक टी वी एंकर्स तनवीर जाफ़री प्रतिष्ठित रेमन मैगसेसे सम्मान विजेता तथा देश के जाने माने पत्रकार व टी वी एंकर रवीश कुमार विभिन्न स्थानों पर अपने संबोधनों में कई बार यह कह चुके हैं कि जनता को टी वी देखना बंद कर देना चाहिए। रवीश कुमार स्वयं एन डी टी वी इंडिया जैसे देश के प्रमुख समाचार नेटवर्क […] Read more » These modern TV anchors tarnish journalism आधुनिक टी वी एंकर्स
व्यंग्य कोरोना संबंधी ‘ज्ञान वर्षा ‘ से भ्रमित होता आम आदमी June 21, 2020 / June 21, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़रीकोरोना महामारी का क़हर लगभग पूरे विश्व में अपना रौद्र रूप धारण किये हुए है। सुखद समाचार यह है कि जहाँ न्यूज़ीलैंड,तंज़ानिया,वेटिकन,फ़िज़ी,मोंटेनेग्रो, सेंट किट्स-नेविस , सेशल्स, तिमोर- लेस्त तथा पापुआ न्यू गिनी जैसे कई देशों ने कोरोना पर क़ाबू पाकर स्वयं को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है वहीं उत्तर कोरिया,तुर्कमेनिस्तान, माइक्रोनेशिया, तुवालु,किरिबाती, नाउरु, मार्शल आइलैंड्, पलाउ, वनुआटू,सोलोमन आइलैंड्स, टोंग जैसे अनेक छोटे परन्तु सौभाग्यशाली देश ऐसे […] Read more » कोरोना संबंधी ज्ञान वर्षा
लेख सार्थक पहल बहु प्रतिभा शाली : भारतीय पुलिस June 9, 2020 / June 9, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़रीहमारे देश में पुलिस विभाग को समाज आम तौर पर अच्छी नज़रों से नहीं देखता। पुलिस को प्रायः बर्बरता,रिश्वतख़ोरी,जुर्म को ख़त्म करने के बजाए उसे बढ़ावा देने, जनता से अभद्र व्यवहार करने जैसे दृष्टकोण से देखा जाता है। ज़ाहिर है पुलिस की इस तरह की छवि अनायास ही नहीं गढ़ी गयी है बल्कि इसके […] Read more » helpful indian police भारतीय पुलिस
विश्ववार्ता जो मुसलमान इनको कहे वह मेरी नज़रों में इंसान नहीं है May 17, 2020 / May 17, 2020 | 1 Comment on जो मुसलमान इनको कहे वह मेरी नज़रों में इंसान नहीं है तनवीर जाफ़री कोरोना वायरस ने पूरे विश्व के समक्ष अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है। ख़ास तौर पर पिछले दिनों जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ़ शब्दों में चेतावनी दे दी कि संभव है कि कोरोना वायरस संसार से कभी ख़त्म ही ना हो,इसकी भयावहतः और भी पुख़्ता हो गयी। इस चेतावनी के आते ही विशेषज्ञों ने यह कहना शुरू कर दिया कि पूरी दुनिया में इस महामारी की वजह से मानसिक स्वास्थ का संकट भी पैदा हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानसिक स्वास्थ्य विभाग की एक अन्य रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र को एक और ख़तरनाक संकट को लेकर आगाह किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानसिक स्वास्थ्य विभाग की निदेशक के अनुसार इस समय पूरी दुनिया में छाया अकेलापन, भय, अनिश्चितता तथा आर्थिक रूप से होने वाली उथल-पुथल आदि बातें मनोवैज्ञानिक परेशानी का सबब बन सकती हैं.उन्होंने आगाह किया कि बच्चों, युवाओं यहां तक की स्वास्थ्य कर्मियों में भी मानसिक कमज़ोरी पाई जा सकती है। गोया मानव के समक्ष एक ऐसा प्रलय रुपी संकट आ चुका है कि बड़े से बड़े वैज्ञानिक,रणनीतिकार,शासक,प्रशास अफ़लातून सभी फ़िलहाल असहाय बने हुए है। स्वयंभू भगवान व उनके ईश्वर-अल्लाह के स्वयंभू एजेंट अपनी जानें बचाते फिर रहे हैं। बड़े बड़े ‘धर्मउद्योग ‘ ठप्प पड़े हुए हैं। इसी बीच महामारी की इस घड़ी में सड़कों पर इंसानियत का एक ऐसा जज़्बा उमड़ता दिखाई दे रहा है जो पहले कभी नहीं देखा गया। ग़रीब- अमीर हर शख़्स अपनी सामर्थ्य के अनुसार एक दूसरे की मदद करता नज़र आ रहा है। कोरोना से प्रभावित लगभग सभी देशों में सामुदायिक भोजनालय चल रहे हैं। जगह जगह रक्तदान शिविर लगाकर बीमारों को स्वस्थ करने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रकृतिक क़हर के इस संकट में दुनिया धर्म जाति के भेद भुला कर इंसानियत का प्रदर्शन कर रही है और ईश्वर-अल्लाह से पनाह मांग रही है। परन्तु ठीक इसके विपरीत कुछ शक्तियां ऐसी भी हैं जिन्होंने राक्षस या शैतान होते हुए भी दुर्भाग्यवश मानव का केचुल ओढ़ रखा है। ये स्वयं को अल्लाह वाले और मुसलमान भी बताते हैं। इतना ही नहीं बल्कि सिर्फ़ अपनी विचारधारा को ही इस्लामी विचारधारा बताते हैं। शरीया का स्वयंभू रूप से ठेका भी इन्हीं राक्षसों ने लिया हुआ है। वैसे तो कभी तालिबान तो कभी अलक़ायदा तो कभी आई एस व इन जैसे कई चरमपंथी संगठनों ने बर्बरता के कई ऐसे अध्याय लिखे हैं जिनसे मानवता कांपती रही है। परन्तु गत 12 मई मंगलवार को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी क़ाबुल में चरमपंथियों द्वारा बर्बरता की वह भयानक इबारत लिखी गयी जिसे युद्ध अपराध का दर्जा देना भी पर्याप्त नहीं। रमज़ान के पवित्र महीने में इन दरिंदों ने काबुल के एक मैटरनिटी हॉस्पिटल पर ऐसा हमला किया जिसमें 24 लोगों की जानें चली गयीं । मरने वालों में ज़्यादातर नवजात बच्चे प्रसूता माताएं और अस्पताल की डॉक्टर व नर्सों समेत कई अन्य लोग शामिल हैं। जिस समय ये राक्षस इन निहत्थे बेगुनाहों पर गोलीबारी कर रहे थे ठीक उसी समय एक मां अपने बच्चे को जन्म दे रही थी। उस मां की मनोस्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जिनके नवजात बच्चे इस दुनिया में साँस लेते ही चरमपंथियों की गोलियों का शिकार होकर चिथड़े चिथड़े हो गए उनपर क्या बीती होगी ? इसके पहले भी यह निर्दयी विचारधारा स्कूलों अस्पतालों पर हमले चुकी है। पढाई लिखाई,आत्मनिर्भरता,जागरूकता,जैसी बातें तो इन धर्मांधों को तो रास आतीं। मस्जिदों में नमाज़ियों व दरगाहों व धार्मिक जुलूसों में अक़ीदतमंदों पर हमले करना तो मानो इनकी फ़ितरत में शामिल हो चुका है। कुछ समय तक इन ख़बीसों की अफ़ग़ानिस्तान में हुकूमत का वह दौर पूरी दुनिया ने देखा है जब यह इंसानी दुशमन मनमाने तरीक़े से लोगों को सार्वजनिक रूप से सज़ाएं देकर समाज में दहशत का माहौल पैदा करते थे।आज अफ़ग़ानिस्तान सहित कई जगहों पर इन चरमपंथियों के चलते आम नागरिकों को जिन हालात का सामना करना पड़ रहा है वह बेहद चिंतनीय है। पूरे उदारवादी मुस्लिम जगत को किसी भी दशा में इनका न केवल मुक़ाबला करना होगा बल्कि इनके संरक्षकों,इनके स्रोतों व इनके हमदर्दों सभी को बेनक़ाब करना होगा। मैटरनिटी हॉस्पिटल पर हमला कर महिलाओं और नवजात बच्चों का क़त्ल करना इससे निर्दयी व दुखदायी घटना और क्या हो सकती है? कौन सा धर्म किस धर्म का अल्लाह या ईश्वर कौन सा धर्मग्रन्थ उन बच्चों की हत्या को सही ठहरा सकता है कि जो मासूम हैं और जिन्होंने अभी अपने जीवन की चंद साँसें ही ली हैं ? आज इन्हीं कमबख़्तों की वजह से इस्लाम से जन्मज़ात नफ़रत करने वाले लोग इस्लाम का मज़ाक़ ऐसी ही घटनाओं का हवाला देकर यही कहकर उड़ाते हैं कि क्या यही है ‘ शांति और अमन का मज़हब’? इन सपोलों ने यह भी नहीं सोचा कि एक तो यह रमज़ान का पवित्र महीना था दूसरे हमले का दिन हज़रत अली की शहादत का दिन था।हज़रत अली को तो ये राक्षस अपना चौथा ख़लीफ़ा मानते हैं। कम से कम हमले के दिन हज़रत अली की शहादत और उनके चरित्र को ही याद कर लेते? हज़रत अली के सामने जब उनके हत्यारे को पेश किया गया था तो उन्होंने अपने बेटे से कहा कि था ‘कि यह प्यासा है,इसे पानी पिलाओ’। इस्लामी महापुरुषों के जीवन की कोई कारगुज़ारी ऐसे हमलों को जाएज़ नहीं ठहरा सकती। यह नीतियां साफ़ तौर से हज़रत अली के हत्यारे इब्ने मुल्जिम व करबला के बदकिरदार यज़ीद से प्रेरित नज़र आती हैं ।क्योंकि वे सभी नमाज़ी भी थे,ला इलाह के झंडाबरदार भी थे और कलमागो भी थे। आज ख़ून की होलियां खेलने वाले ये राक्षस भी उन्हीं का अनुसरण करते दिखाई दे रहे हैं। बेशक यह भी अपने को मुसलमान भी कहते हैं,और शरिया की बातें भी करते हैं। परन्तु दरअसल ये शक्तियां यज़ीद की ही तरह दहशत का साम्राज्य स्थापित करना चाहती हैं। अफ़ीम की कमाई से हथियार ख़रीद कर अपने द्वारा परिभाषित इस्लाम धर्म का ताक़त के बल पर विस्तार करना चाहती हैं। संभव है इनकी मानसिकता की श्रेणी के कुछ लोग इनको मुसलमान कहते या समझते हों परन्तु मेरी लिए इनको मुसलमान क्या कहना बल्कि -‘जो मुसलमान इनको कहे वह,मेरी नज़रों में इंसान नहीं है। तनवीर जाफ़री Read more » क़ाबुल में चरमपंथियों द्वारा बर्बरता
व्यंग्य ‘इस मय’ को मुबारक चीज़ समझ May 7, 2020 / May 7, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़री सरकार की किन्हीं नीतियों की आलोचना करना तो समझ आता है परन्तु सरकार द्वारा लॉक डाउन जैसी कठिन,ग़मगीन व उबाऊ घड़ी में ‘मयख़ाने’ खोले जाने के पुनीत निर्णय पर जो हो हल्ला मच रहा है मैं उससे बिल्कुल सहमत नहीं।क्यों ?आइये इनके कारण आपको समझाता हूँ। क्योंकि….. अच्छों को बुरा साबित करना दुनिया […] Read more »
राजनीति ऐ हिन्द के मुसलमानों May 4, 2020 / May 4, 2020 | 1 Comment on ऐ हिन्द के मुसलमानों तनवीर जाफ़री इस समय भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना महामारी को लेकर स्थितियां असामान्य बनी हुई हैं। परन्तु हमारे देश में कोरोना से भी बड़ी ,महामारी है समाज को विभाजित करने की कोशिशों की। समाज विभाजक शक्तियां बड़े ही सुनियोजित तरीक़े से समाज को धर्म या जाति के नाम पर विभाजित करने […] Read more » muslim role in corona epidemic ऐ हिन्द के मुसलमानों
स्वास्थ्य-योग कोरोना: अंतिम संस्कार हेतु स्थिति स्पष्ट करे विश्व स्वास्थ संगठन- April 27, 2020 / April 27, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़रीकोरोना महामारी पूरे विश्व में अपना रौद्र रूप दिखा रही है। कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा लगभग 2 लाख तक पहुँचने वाला है । संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करना भी एक बड़ी समस्या बन चुका है। ज़ाहिर है मृतकों के परिजनों की भी यही इच्छा होती है कि उनके परिवार के […] Read more » corona who about funeral in corona WHO should clarify the situation for funeral विश्व स्वास्थ संगठन
लेख स्वास्थ्य-योग कोरोना: नियम समान व जनहितकारी हों March 29, 2020 / March 29, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़री कोरोना अर्थात कोविड-19 वायरस की भयावहता ने पूरे विश्व को न केवल दहशत में डाल दिया है बल्कि इसने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की कमर भी तोड़ कर रख दी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) की प्रमुख क्रिस्टलिना गोर्गिवा के अनुसार कोविड-19 वायरस के प्रकोप के चलते “वैश्विक अर्थव्यवस्था इस समय बड़े संकट […] Read more »
लेख स्वास्थ्य-योग ‘करुणा’ जाएगी तो ‘कोरोना’ ही आएगा ? March 23, 2020 / March 23, 2020 | Leave a Comment तनवीर जाफ़रीमानव इतिहास में पहली सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में पूरा विश्व इस समय कोरोना के प्रकोप का सामना कर रहा है। दुनिया के जो शहर कभी अपने राजाओं व शासकों की मृत्यु के समय भी उनके शोक पर बंद नहीं हुए दुनिया के उन कोरोना प्रभावित कई शहरों में पूरी तरह शट डाउन […] Read more » will corona come कोरोना
राजनीति भारत को फिर आगे बढ़ाएगा साम्प्रदायिक सौहार्द March 12, 2020 / March 12, 2020 | 1 Comment on भारत को फिर आगे बढ़ाएगा साम्प्रदायिक सौहार्द तनवीर जाफ़री पिछले दिनों दिल्ली में फैली सुनियोजत हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या 53 बताई जा रही है। 600 से अधिक दर्ज की गयी प्राथमिक सूचना रिपोर्ट्स से यह समझा जा सकता है किकितने बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया गया। दंगों के अनेक हृदय विदारक क़िस्से सुने जा रहे […] Read more » Communal harmony will further promote India delhi communal riots delhi riots भारत को फिर आगे बढ़ाएगा साम्प्रदायिक सौहार् साम्प्रदायिक सौहार्द