बच्चों का पन्ना

भालू का रसगुल्ला

bear           भालू चाचा मचा रहे थे,
सुबह सुबह से हल्ला|
शेर चुराकर भाग गया था,
उनका एक रसगुल्ला|

सभी जानवर भाग दौड़कर,
पकड़ शेर को लाये|
मुश्किल से रसगुल्ला,
भालूजी को दिलवा पाये|

हाथ जोड़कर तभी शेर ने,
सबसे मांगी माफी|
” कभी न अब आगे से होगी,
हमसे ये गुस्ताखी|”

” चोरी करना ठीक‌ नहीं है,
सुनलो मेरे भाई|”
शेरसिंह को सभी जानवरों ने,
फटकार लगाई|