भजन: बरसाने की लट्ठा होली

तर्ज: ब्रज लोक गीत

मु: होली खेलन आयौ श्याम,
आज बरसाने की गलियन में।।
होली खेलन आयो श्याम -२

अंत १:ग्वाल बालों के टोला संग आयौ।
पोटली भर के सब रंग है लायौ।।
सीधी सुरति लगायी है सबने।
मि: पहुंचे हैं बरसाने गाँव।
होली खेलन आयौ श्याम,

अंत २: बरसाने की सब सखियाँ आयीं
संग में राधाजू को हैं लायीं
मि: ज्यों ही देख्यो को कानुड़ा को -२
भूल गयीं सब काम।।
होली खेलन आयौ श्याम,

अंत २: भर पिचकारी राधा पर मारी
आएं गयीं यहाँ गोपियाँ सारी
मि: पकड़ लीयौ दाऊ कौ भैया -२
मुखड़ा रंग्यौ तमाम
होली खेलन आयौ श्याम,

अंत ३: ग्वाल बाल सब मिलकर धाये
सब गोपियों पर है रंग बरसाए
लट्ठा ले लियौ हाथ में सखियाँ -२
है रही लट्ठा होली ब्रज धाम
होली खेलन आयौ श्याम,

अंत ४: नन्दो बल्लो मिल होली को रसिया रहे हैं गाय
राकेश भैया बांके बिहारी को रहे हैं रिझाय
कृपा करो श्यामा के प्यारे
भक्ति दो अविराम, मेरे नन्द नंदन घनश्याम
होली खेलन आयौ श्याम,

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