तर्ज: सावन का महीना पवन करे शोर
दोहा: भादों की अर्धरात्रि कौ छाया था घोर अंधकार।
वर्षा का था जोर (शोर) भी लिया कृष्णा अवतार।।
मु: भादों रैन अँधेरी, और वर्षा थी घन घोर।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं ब्रज किशोर।।
भादों रैन ------
अ १: मथुरा की जेल में जन्म लिया है।
माता पिता को पूर्ण दर्शन दिया है।।
बोले बसुदेवजी से,
ऐसे ये ब्रज किशोर।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं ब्रज किशोर, भादों रैन _।।
अ २: इस बालक को गोकुल पहुँचाओ।
नन्द की कन्या यहाँ ले आओ।।
इस कार्य को करने में ,
कही हो न जाए भोर|
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं ब्रज किशोर, भादों रैन _।।
अ ३: बेड़िया टूटी सब खुल गए ताले।
कंस के सो गए सब पहरे वाले।।
लेकर बालक सूप में,
चल दिए गोकुल की और।।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं ब्रज किशोर, भादों रैन _।।
अ ४: माता देवकी मन में हर्षाये।
बासुदेव जी यमुना तट आये।।
चरण चूमने प्रभु के,
यमुना लेत हिलोर।।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं ब्रज किशोर, भादों रैन _।।
अ ५: नन्द के घर से कन्या लेकर।
पहुंचे मथुरा जेल में आकर।।
जौं ही जेल में आये,
होने लागी भोर।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं नन्द किशोर, भादों रैन _।।
अ ६: बेड़िया लगी सब लग गए गए ताले।
आप ही जग गए सब रखवाले।।
शोर है सुन बालक का।
दौड़े थे कंस की ओर।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं नन्द किशोर, भादों रैन _।।
अ ७: समाचार सुनकर कंस है आया।
कन्या देख कर मन में घबराया।
जौं ही पछाड़ा उसको,
उड़ गयी आकाश की ओर।।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं नन्द किशोर, भादों रैन _।।
अ ८: महामाया ने वचन उचारा।
कंस हुआ लाचार बिचारा।।
तेरे मरने वाला ,
ब्रज में है नन्द किशोर।
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं नन्द किशोर, भादों रैन _।।
अ ९: कृष्णा जन्म कथा बाल मंडल गाये।
बल्लो नन्दो मिले ऐसे भजन बनाये।
कान्हा के चरणों से,
टूटे न हमारी डोर,
कृष्णा पक्ष आठें को जन्मे हैं नन्द किशोर, भादों रैन _।।