तर्ज: ब्रज रसिया
मु: जय जय राधे श्याम सावरिया,
मन में सुमिरन करि लै।
मन में सुमिरन करि लै,
तू अपने ह्रदय मजि लै।
जय जय राधे श्याम सावरिया _
अंत १ : बड़ी दयालु हैं राधा रानी,
इन् से चलती प्रेम कहानी।
मि: प्रेम जगत का सार,
तू मोह माया तजि लै
जय जय राधे श्याम सावरिया _
अंत २ : नटवर नंदन कृष्णा कन्हैया,
पार लगावे भव से नैया।
मि: कर्षित कर दे जो सबका मन,
तू कृष्णा कृष्णा रट लै।।
जय जय राधे श्याम सावरिया _
अंत ३: बंसी बजैया गैया चरैया,
यशोदा जी हैं या की मैया।
मि:वासुदेव सुत देवकी छैया,
को तू भजि लै।।
जय जय राधे श्याम सावरिया _
अंत ४: नन्दो जप लै श्याम सलोना ,
कभी पड़े ना तुझको रोना।।
मि: सुबह शाम और आठों याम,
श्यामा श्यामा रट लै।
जय जय राधे श्याम सावरिया _