राजेश कुमार पासी
राहुल गांधी शोर मचाते हैं कि वोट चोरी के कारण कांग्रेस चुनाव हार रही है। उनका कहना है कि भाजपा चुनाव नहीं जीत रही है बल्कि कांग्रेस को हराया जा रहा है। मैं उनसे सहमत हूँ कि वोट चोरी हो रही है जिसके कारण कांग्रेस लगातार हार रही है। राहुल गांधी और उनके नेताओं के देशविरोधी बयानों के कारण वोट चोरी हो रही है। ऐसा लगता है कि लगातार मिल रही चुनावी हार के कारण कांग्रेस के नेताओं का धैर्य जवाब दे गया है। वास्तव में चुनाव में हारने के बाद नेता बहुत खतरनाक हो जाता है क्योंकि उसे अपनी हार के लिए अपने अलावा सब जिम्मेदार लगते हैं । वो सोचता है कि उसके जैसे योग्य और समझदार नेता के होते हुए जनता किसी दूसरे को कैसे चुन सकती है। यही कारण है कि वो अपनी हार के लिए जनता को भी दोष देने लगता है।
भारतीय राजनीति में वो वक्त चला गया, जब नेता हार जाने के बाद जनता के फैसले को सिर झुकाकर स्वीकार कर लेता था । अब ऐसा वक्त आ गया है, जब कोई नेता हारता है तो वो चुनाव आयोग को दोषी बता देता है, कभी ईवीएम और कभी मतदाता सूची को दोष देता है। कांग्रेस और उसके नेता खुद को इस देश का मालिक समझते हैं, वो यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि देश की जनता उन्हें ठुकरा चुकी है। कांग्रेस को अब ये देश और उसकी पूरी व्यवस्था ही खराब नजर आने लगी है जबकि ये व्यवस्था उनकी ही खड़ी ही हुई है। द्वितीय विश्वयुद्ध में बर्बाद हो जाने के बाद खुद ही देश को आज़ाद करके निकल जाने वाले अंग्रेजों को भगाने का झूठा श्रेय लेने वाली कांग्रेस मानती है कि उसने देश को आज़ाद करवाया है, इसलिए सिर्फ उसे ही इस देश पर शासन करने का अधिकार है। इस झूठे विमर्श को चलाकर कांग्रेस ने 55 साल तक देश पर राज किया है।
कांग्रेस की लगातार तीसरी हार के बाद पृथ्वीराज चव्हाण जैसे नेता भी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उन्हें पता ही नहीं चल रहा है कि वो क्या बोल रहे हैं। उन्होंने भारतीय सेना पर ऐसा हमला किया है जिसकी उम्मीद हम दुश्मन देश पाकिस्तान से भी नहीं कर सकते। राजनीतिक समझ की दृष्टि से शून्य होती जा रही कांग्रेस अब ऐसे नेताओं के बयानों पर सफाई देने भी नहीं आती है। सेना, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और हिन्दू धर्म पर शर्मनाक बयान देना कांग्रेस नेताओं के लिए एक सामान्य बात हो गई है। चव्हाण के बयान पर भी कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। इसका मतलब साफ है कि उनकी सोच कांग्रेस की वर्तमान विचारधारा के अनुकूल है। कितनी अजीब बात है कि इंदिरा जी के नेतृत्व में पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले दिन, जिसे देश विजय दिवस के रूप में मनाता है, उसी दिन उनकी पार्टी का बड़ा नेता वीर सेना पर शर्मनाक बयान देता है।
पृथ्वीराज चव्हाण ने अपने बयान में कहा है, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए भारत-पाक संघर्ष में हम पूरी तरह हार गए थे। 7 तारीख को जो आधे घंटे की हवाई लड़ाई हुई, उसमें हम पूरी तरह हार गए, चाहे लोग इसे मानें या मानें। भारतीय विमानों को मार गिराया गया। वायुसेना पूरी तरह से जमीन पर थी और एक भी विमान नहीं उड़ा।” चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा से कोई विमान उड़ता, तो पाकिस्तान की ओर से उसे मार गिराए जाने की बहुत संभावना थी, इसलिए वायुसेना पूरी तरह से जमीन पर थी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा कि सेना एक किलोमीटर भी आगे नहीं बढ़ी. दो-तीन दिनों में जो कुछ भी हुआ, वो सिर्फ हवाई युद्ध और मिसाईल युद्ध था। भविष्य में ऐसे ही युद्ध लड़े जाएंगे। ऐसी स्थिति में, क्या हमें सच में 12 लाख सैनिकों की सेना रखने की जरूरत है, या हम उनसे कोई और काम करवा सकते हैं। चव्हाण ने ये बयान किस आधार पर दिए हैं, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया है । उनके पास ये जानकारी कैसे आयी, ये उन्हें बताना चाहिए था।
वास्तव में चव्हाण कुछ नया नहीं बोल रहे हैं। जब से ऑपरेशन सिंदूर हुआ है, तब से राहुल गांधी लगातार सरकार से पूछ रहे हैं कि भारत के कितने विमान गिरे थे। एक तरह से वो भी भारतीय सेना की जीत को संदिग्ध बना रहे हैं। पाकिस्तान राहुल गांधी के बयानों को आधार बनाकर ही भारत को पूरी दुनिया में बदनाम कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेनाध्यक्ष अपनी जीत का डंका बजा रहे हैं। पाकिस्तान ऐसा देश है जो भारत से कई युद्ध हार चुका है लेकिन वो हर युद्ध में जीत का दावा करता आ रहा है। राहुल गांधी और कई विपक्षी नेताओं ने पाकिस्तान को मौका दे दिया है कि वो ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा सके । पृथ्वीराज चव्हाण के बयान ने पाकिस्तान को एक और मौका दे दिया है कि वो इस बयान के आधार पर भारत और भारतीय सेना का अपमान कर सके । चव्हाण के बयान की पाकिस्तानी मीडिया में जबरदस्त रूप से चर्चा हो रही है। उनके बयान का वीडियो पाकिस्तानी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
पाकिस्तानी नेता अपनी अवाम को बता रहे हैं कि भारत ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। पाकिस्तान कह रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत बुरी तरह हार गया था, अब इसे भारतीय नेता भी मान रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया में कहा जा रहा है कि भारत अपने विमान गिरने की बात नहीं मान रहा था, अब भारत के नेता ही बोल रहे हैं कि हमारे विमान पहले दिन ही गिर गए थे।
देखा जाए तो कांग्रेस को सामने आकर उनके बयान का खंडन करना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस तो पहले ही ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाती रही है। अगर सच में भारतीय सेना हार जाती तो पाकिस्तान कभी युद्ध-विराम नहीं करता । भारतीय सेना ने अपनी जीत के सबूत के तौर पर सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं और वैश्विक मीडिया को बताया है कि उसने पाकिस्तान का कितना नुकसान किया है। भारतीय वायुसेना ने एक ही दिन में पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए थे जिनकी आज भी मरम्मत की जा रही है। पाकिस्तान के लोग ही भारतीय वायुसेना के हमले के वीडियो चलाकर बता रहे थे कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को किस तरह से बर्बाद कर दिया है। भारतीय सैन्य अधिकारी मीडिया में अपनी कार्यवाही की ब्रीफिंग दे रहे थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की कार्यवाही के बारे में पूरा विवरण खुद सेना ने ही दिया था। इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस को भारतीय सेना पर भरोसा नहीं है। सेना के बयानों के विपरीत कांग्रेस भारतीय सेना को हारा हुआ बता रही है। एक तरह से कांग्रेस देश के खिलाफ जाकर पाकिस्तानी प्रोपोगेंडा फैला रही है। अगर कांग्रेस की बात सच मानी जाए तो पाकिस्तान ने अपनी जीत के बड़े-बड़े दावे जरूर किये लेकिन वो अपनी जीत के पक्ष में एक भी सबूत मीडिया के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाया । युद्ध के दौरान पाकिस्तान की मदद के लिए चीन के सैटेलाइट भारत पर 24 घंटे नजर रखे हुए थे। अगर पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को मारकर गिरा दिया था तो वो उनकी सैटेलाइट तस्वीरें क्यों नहीं जारी कर सका । दूसरी बात यह है कि अगर विमान पाकिस्तान में गिराए गए थे तो पाकिस्तान ने वैश्विक मीडिया के सामने उनका प्रदर्शन क्यों नहीं किया । अगर ये विमान भारत में ही गिर गए थे तो भारतीय मीडिया और जनता की नजरों से कैसे बच गए। कितनी अजीब बात है कि कांग्रेस अपने देश के खिलाफ जाकर दुश्मन देश की मदद कर रही है। सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस को पाकिस्तान में चुनाव लड़ना है जो वो पाकिस्तान के पक्ष में प्रचार कर रही है। अगर कांग्रेस पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान की जनता को खुश कर देती है, तो क्या उससे उसे भारत में वोट मिल जाएंगे ।
वास्तव में कांग्रेस कई बार सेना का अपमान कर चुकी है। भारतीय सेना को राहुल गांधी बलात्कारी बता चुके हैं, जब उनसे इस बयान पर सफाई मांगी गई थी तो उन्होंने कहा था कि मुझे किसी ने कहा था तो मैंने बोल दिया। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सेनाध्यक्ष को सड़क का गुंडा कहा था । नेहरू जी भी कहा करते थे कि देश को सेना की जरूरत नहीं है. इसकी कीमत चीन के साथ युद्ध मे चुकानी पड़ी । चव्हाण कहते हैं कि देश को सेना की जरूरत नहीं है, लेकिन देश ने देखा है कि चीन की सीमा पर भारतीय सेना ही उसकी सेना के सामने चार साल तक खड़ी रही । यह कहना पूरी तरह से गलत है कि अब युद्ध केवल विमानों और मिसाइलों तक सीमित हो गया है। रुस-यूक्रेन युद्ध मुख्य रूप से सेनाओं द्वारा ही लड़ा जा रहा है। वायुसेना और नौसेना अपनी जगह महत्वपूर्ण हैं और उनकी भूमिका पहले से ज्यादा हो गई है, लेकिन सेना के बिना देश की सुरक्षा असंभव है । सेना को खत्म करने की बात करना, सरासर मूर्खतापूर्ण बयान है। भारतीय सेना रक्षा का काम छोड़कर और क्या कर सकती है, ये उन्हें बताना चाहिए था। सेना देश की रक्षा के लिए होती है, अगर कोई और काम करवाना है तो सेना से क्यों करवाया जाएगा।
कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, अब देश को कांग्रेस की जरूरत नहीं है, वो राजनीति छोड़कर कोई और काम क्यों नहीं कर लेती। कांग्रेस नेताओं के इतनी बेशर्मी भरे बयानों के बाद जनता का वोट मिलने वाला नहीं है. जो लोग कट्टर कांग्रेसी है, वो आंख बंद करके वोट डालते रहेंगे । जैसे बाराती नाच-नाच कर नोट लुटाते हैं, वैसे ही कांग्रेसी नेता अपने वोट लुटा रहे हैं और शोर मचा रहे हैं कि उनके वोट चोरी हो रहे हैं। अब ऐसे लोगों को क्या कहा जाए, ये पाठक ही तय करें । रात को नोट लुटाया और सवेरे उठकर चोर-चोर चिल्लाने लगे। कांग्रेस की छवि देशविरोधी पार्टी की बनती जा रही है, इसलिए जनता उससे दूर होती जा रही है। कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयान पार्टी को आत्महत्या की ओर ले जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस अपने लिए खुद ही फांसी का फंदा तैयार कर रही है और धीरे-धीरे फांसी के तख्ते की ओर बढ़ रही है। अगर कोई मरने पर उतर आए तो उसे बचाना बहुत मुश्किल होता है।
राजेश कुमार पासी