
डाले है कोरोना ने जीवन में व्यवधान,
कभी न कभी होगा,इनका भी समाधान।
करते नहीं थे कभी,जो भगवान को याद,
आज सब कर रहे,उस भगवान को याद।
हैवान बन चुका था,आज का ये इन्सान,
कोरोना ने निकाल दी है उन सबकी जान।
शायद ले रहा हो,भगवान ये सबका इम्तिहान,
सज्जन पुरुष ही पास कर पाएंगे ये इम्तिहान।
मास्क नहीं पहनोगे तो,कोरोना से होगी पहचान,
अच्छा होगा इसे न बनाओ घर में तुम मेहमान।
कोरोना हो गया है आज बडा ही शैतान,
इसने ले ली है करोड़ों व्यक्तियों की जान।
चारो तरफ मचा है,विश्व में बहुत कोहराम,
पकड़ में नहीं आ रहा,ये कोरोना शैतान।
मेहमान बनकर आया इस दुनिया मे इंसान,
समय कम है कर ले बन्दे कुछ अच्छे काम।
आर के रस्तोगी