विवेक रंजन श्रीवास्तव
भारत की विविधता भरी एक “थाली” के बजाय अमेरिका में आम लोगों का रोजमर्रा का भोजन उनकी आदतों और सुविधाओं से बनती हुई तस्वीर है। एक बुनियादी ढांचा साफ दिखता है, नाश्ते में जल्दी तैयार होने वाली चीज़ें, दोपहर में हल्का और सुविधाजनक भोजन, और रात में अपेक्षाकृत भरपेट, अक्सर घर पर पकाया हुआ खाना। खाने की इस दिनचर्या के भीतर सुविधा, स्वाद, बजट और स्वास्थ्य, इन चारों के बीच लगातार खींचतान चलती रहती है, और यही अमेरिकी रोज़मर्रा के भोजन की कहानी है।
नाश्ते की बात करें तो बड़ी संख्या में लोग सुबह समय की कमी के कारण “फटाफट” तैयार होने वाला नाश्ता चुनते हैं। दूध के साथ कॉर्नफ्लेक्स या अन्य सीरियल, टोस्ट पर मक्खन या पीनट बटर, उबले या भुर्जी अंडे, ओटमील, केला या कोई और फल और साथ में कॉफी या जूस , यही आम नज़ारा है। कामकाजी लोग और छात्र अक्सर सिर्फ कॉफी और किसी छोटी‑सी चीज़, जैसे ग्रेनोला बार या डोनट या सिर्फ सोया मिल्क लेते हैं जबकि सप्ताहांत पर समय मिलने पर पैनकेक, वॉफल, अंडा‑बेकन,हमस, सॉसेज और आलू से बना अपेक्षाकृत भारी नाश्ता भी पसंद किया जाता है। कुछ इलाके खासतौर पर दक्षिणी राज्यों में बिस्किट और ग्रेवी जैसे स्थानीय व्यंजन भी पारंपरिक नाश्ते के रूप में मौजूद हैं जो रोज़ नहीं तो खास मौकों पर ज़रूर दिखाई देते हैं।
दोपहर का भोजन ज़्यादातर लोगों के लिए सुविधा और पोर्टेबिलिटी का मामला होता है। ऑफिस जाने वाले या स्कूल के बच्चे अक्सर सैंडविच को सबसे आसान विकल्प मानते हैं । रोटी के बीच टर्की, हैम, ट्यूना या किसी अन्य डेली मीट के साथ चीज़, सलाद पत्ते और सॉस , साथ में चिप्स का छोटा पैकेट, कोई फल या दही। बहुत से लोग पिछली रात के बचे खाने को माइक्रोवेव में गर्म करके भी लंच के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है। जो लोग घर पर रहते हैं, उनके लिए सूप, हल्का सलाद, छोटे हिस्से में पास्ता या जमे हुए (फ्रोज़न) पैक्ड भोजन आम हैं, हालांकि स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता के कारण ताज़ी सब्ज़ियों और बेहतर गुणवत्ता वाले प्रोटीन की ओर झुकाव भी बढ़ रहा है। कहीं‑कहीं फास्ट फूड रेस्तरां या टेक अवे से लिया गया बर्गर, टैको, पिज़्ज़ा या बुरिटो, हाटडाग भी रोज़मर्रा के लंच का हिस्सा बन जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो लगातार घर से बाहर भागदौड़ में रहते हैं।
दिन का सबसे “औपचारिक” भोजन आम तौर पर रात का खाना माना जाता है, जब परिवार के सदस्य एक साथ बैठने की कोशिश करते हैं। यहाँ सबसे आम ढांचा है , एक प्रकार का मांस, एक, दो तरह की सब्ज़ी और कोई स्टार्च, जैसे आलू, चावल या पास्ता। ग्रिल्ड या बेक्ड चिकन की पीस के साथ ब्रोकोली और चावल, मीट सॉस के साथ पास्ता, सब्ज़ियों वाला स्टर फ्राय, स्टेक के साथ आलू और सलाद, या फिर ओवन में बना पिज़्ज़ा ये सब रोज़मर्रा के डिनर की परिचित तस्वीरें हैं।
अमेरिकी समाज की विविधता भी उनकी थाली में दिखाई देती है। इतालवी मूल के पास्ता और पिज़्ज़ा, मेक्सिकन मूल के टैको और बुरिटो, एशियाई मूल के नूडल्स, फ्राइड राइस और स्टर फ्राय, और हाल के वर्षों में भारतीय, थाई या मिडिल ईस्टर्न व्यंजन भी आम घरों की मेज तक पहुँचने लगे हैं। भारतीय भोजन , पंजाबी तड़का , दक्षिण भारतीय भोजन के रेस्तरां भी खुल गए हैं, जो लोकप्रिय हैं। चिकन फ्राय की कई डिशेज मिलती हैं। डिनर के साथ वाइन, वोदका या अन्य शराब परोसी जाती है। इस तरह “अमेरिकी” डिनर अपने भीतर प्रवासी समुदायों की कई परंपराओं को समेटे होता है।
फास्ट फूड और बाहर का खाना अमेरिकी भोजन संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह हर दिन की थाली का इकलौता चेहरा नहीं है। बहुत से लोग सप्ताह के ज़्यादातर दिनों में घर का खाना ही चुनते हैं और बाहर खाना, टेक अवे या डिलीवरी को खासतौर पर व्यस्त दिन, छुट्टियों या “ट्रीट” के लिए बचाकर रखते हैं। बर्गर, फ्राइड चिकन, पिज़्ज़ा और टैको जैसी चीज़ें बच्चों और युवाओं में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, जबकि सलाद बार, “बाउल” (जिसमें अनाज, सब्ज़ियाँ और प्रोटीन मिलाकर परोसा जाता है) और हल्के सैंडविच जैसे विकल्प स्वास्थ्य सचेत या डाइट पर ध्यान देने वाले लोगों के बीच बढ़ रहे हैं। महँगाई, समय की कमी और स्वास्थ्य, इन तीनों के दबावों के बीच बहुत से परिवार खुद खाना पकाने और कभी‑कभी बाहर खाने, इन दोनों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं।
ओबेसिटी की समस्या से अमेरिका परेशान है, इसलिए अब जिम, हरी सब्जियां ( ज्यादातर इंपोर्ट होती हैं) भोजन का हिस्सा बन रहा है।
स्वास्थ्य के नज़रिए से देखें तो शोध यह दिखाते हैं कि जो लोग नियमित रूप से घर पर खाना पकाते हैं, वे औसतन कम कैलोरी, कम नमक और कम अतिरिक्त चीनी का सेवन करते हैं और अपने आहार को तुलनात्मक रूप से ज़्यादा संतुलित मानते हैं। दूसरी तरफ, फास्ट फूड और अत्यधिक प्रोसेस्ड भोजन का अधिक उपयोग मोटापा, हृदय रोग और अन्य जीवनशैली संबंधी समस्याओं से जोड़ा जाता है, इसलिए नीतिगत स्तर पर भी सब्ज़ियों, फल, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन के उपयोग को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जाता है। आम अमेरिकी के रोज़मर्रा के भोजन को अगर एक वाक्य में समझना हो तो कहा जा सकता है कि यह सुविधा और स्वाद से शुरू होकर, जेब और स्वास्थ्य के बीच किसी व्यावहारिक समझौते पर जाकर रुकता है। कॉर्नफ्लेक्स से लेकर टैको और सलाद से लेकर बर्गर तक, सबको अमेरिका के लोगों के आम रोजमर्रा के भोजन में अपनी‑अपनी जगह मिलती रहती है। यहाँ प्रोटीन , ग्रीनस , और कार्ब्स का संतुलन बनाने की मशक्कत होती है, क्योंकि पैक्ड , क्विक प्रिपेयर फूड पॉपुलर है। सप्ताह भर के लिए बनी बनाई थालीयां होम डिलिवरी से मिल जाती हैं, जिन्हें बस माइक्रोवेव करना होता है। भोजन के साथ में कोक लेने का प्रचलन है। दूध के चार या दो लीटर के डब्बे ग्रॉसरी से खरीदे जाते हैं। काफी, चाय से ज्यादा लोकप्रिय है।
विवेक रंजन श्रीवास्तव