विविधा

नेताजी से की मोहब्बत, गई जान…

– चण्डीदत्त शुक्ल

रामजी की अयोध्या के एकदम बगल बसे फैजाबाद को लोग बहुतेरी वज़हों से जानते-पहचानते हैं, लेकिन यहीं के साकेत पीजी कॉलेज का ज़िक्र एकेडेमिक एक्सिलेंस और स्टूडेंट इलेक्शंस को लेकर होता है। साकेत ने देश को कई नामी-बदनाम-छोटे-बड़े नेता दिए हैं। यहीं पर लॉ की स्टूडेंट थी शशि। कमसिन, कमउम्र, खूबसूरत शशि सबकी लाडली थी और मां-बाप की आंखों का तारा भी। 22 अक्टूबर, 2007 की सुबह शशि घर से कॉलेज जाने के लिए निकली, लेकिन साकेत तक नहीं पहुंची। कई दिन बीत गए। जगह-जगह तलाश किया गया…नाते-रिश्तेदारों के घर, सहेलियों-जान-पहचान वालों के यहां। कोई सुराग ना मिला, तब उसके पिता और बामसेफ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व बहुजन समाज पार्टी के कैडर वर्कर योगेंद्र प्रसाद ने अयोध्या कोतवाली में बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करा दिया।

…हालांकि यह एक छात्रा की किडनैपिंग या गुमशुदगी का कोई साधारण मामला नहीं था। इस केस की आंच प्रदेश के मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री आनंद सेन यादव के दामन तक पहुंची। यादव के अलावा, उनके ड्राइवर रहे विजय सेन यादव और शशि की क्लासमेट सीमा आजाद भी इस मामले में घिरे। 30 अक्टूबर, 2007 को शशि के पिता ने सीमा व विजय सेन के खिलाफ़ नामदर्ज रिपोर्ट दर्ज करा दी।

मामले में नाम आने के बाद 31 अक्टूबर को विजय सेन ने सरेंडर कर दिया। इसके साथ ही मामले का जो खुलासा हुआ, उसे जानकर लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं। शशि के पिता ने मायावती सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री आनंद सेन यादव पर बेटी की किडनैपिंग में शामिल होने का आरोप लगाया। योगेंद्र ने कहा कि उनकी बेटी को आनंद सेन के इशारे पर अगवा कर उसका मर्डर कर दिया गया है और शशि की लाश कहां ठिकाने लगाई गई है, इस बारे में आनंद, उनके ड्राइवर विजय सेन और शशि की क्लासमेट सीमा आजाद को सबकुछ पता है।

पुलिस ने विजय सेन का नार्को एनालिसिस टेस्ट कराया, ताकि मामले का पर्दाफ़ाश हो सके। टेस्ट में विजय सेन ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि शशि के आनंद सेन से अवैध रिश्ते थे और वह गर्भवती हो गई थी। आनंद को लगा कि उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा धूल में मिल जाएगी। विजय की मानें, तो आनंद के कहने पर ही उसने शशि की गला दबाकर जान ले ली थी। शशि की लाश तो नहीं मिली, लेकिन उसकी एक रिस्ट वाच मिली, जिसकी पहचान पिता योगेंद्र ने की।

आरोपों के घेरे में आने के बाद आनंद सेन ने 06 नवंबर को पद से त्यागपत्र दे दिया। हो-हल्ला मचने पर यूपी सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। 14 जून 2008 को पुलिस ने आनंद सेन को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में दो महीने के पैरोल पर वो रिहा कर दिए गए। बसपा सांसद मित्रसेन यादव के विधायक पुत्र आनंद सेन यादव से रिश्ते रखने की सज़ा शशि को मिली या फिर उसकी हत्या के पीछ कुछ और कारण थे—इनका खुलासा तो वक्त करेगा, लेकिन सियासत और सेक्स की इस कॉकटेल कथा ने एक और ज़िंदगी की बलि तो ले ही ली है।

क्रमश:……..