
गलतियों से जुदा तू भी नही,में भी नही।
दोनो इंसान है,खुदा तू भी नही मै भी नही।।
गलतियां निकालते रहते है,एक दूजे की मगर।
अपने गिरेबान में झांकता तू भी नही मै भी नही।।
नशीहत देते रहते,एक दूजे को सुधारने के लिए।
नशीहत पर अमल करता तू भी नही मै भी नही।।
लड़ते रहते है हर रोज,तू तू मैं मैं करते हर रोज।
लड़ाई लड़ने में तू भी कम नहीं मै भी कम नहीं।।
आर के रस्तोगी
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