कविता

हनुमान जी भजन

मु: मेरे बाबा बजरंगी ऐसी कृपा करो -२

तेरे चरणों में शीश मैं नवता राहु -२।

मेरे बाबा बजरंगी ऐसी कृपा करो।

अ १: लाखों आये जो मुश्किल मेरी राह मैं,

दास पर कृपा सदा ही बरसती रहे।

कही जाऊ न तेरा मैं दर छोड़ कर

मि: तेरे मंदिर मैं सदा ही आता रहूं।

मेरे बाबा बजरंगी ऐसी कृपा करो

अ २: राम राम ही सदा मैं जपा करू

जब तक प्राण रहे मेरे तन में

जग की मोह माया न सताए मुझे

मि; तेरे गुणगान निरंतर मैं गाता रहू

मेरे बाबा बजरंगी ऐसी कृपा करो

अ ३: दोष सारे मिटा दो मेरे बालाजी

जाऊं ददरुआ बाधेश्वर, सालासर भी

तेरी ज्योति को अपने ह्रदय मैं समां

मि: अर्जी तेरे दर पर मैं लगाता रहू

अ ४: नन्दो भैया की अब कामना पूर्ण करो

राम प्रभु के संग में दर्शन दो

यही विनती है आपके इस दास की

मि: राम राम ही जीवन भर गाता रहू

मेरे बाबा बजरंगी ऐसी कृपा करो