
पर्दे पे परदा कर रुख हमसे छिपाये रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
लगा जरूरी तो आँखों से बात कर लेंगे
पड़ी है परदे की आदत तो बनाए रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
मास्क ने छीन लिया सुर्ख होंठों की लाली
रबर ने छीन लिया उसके कानों की बाली
होंठ भी दिखते नहीं अब तो बात करने पर
सुर्ख होंठों पे वो मुस्कान सजाए रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
हाय इस मास्क ने तो छीन लिया प्यार तेरा
नहीं कर पाते है अब वैसे भी दीदार तेरा
दिखे ना होंठ तेरे मास्क में छिपे हैं जो
खुद को लोगों की नज़र से भी बचाए रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
अब तो सांसो की महक सांस से न मिल पाये
जो सांस ले तो वो भी मास्क में ही सिल जाये
हो गये अब तो काफी दिन तेरे नजदीक आयें
बस मेरा प्यार कलेजे से लगाए रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
मारक ने छीन लिया होंठ मुस्कुराते हुए
दिखे ना होंठ बात प्यार की बताते हुए
न खोलो होंठ भला लफ्जों में क्या रखा है
यूं ही आंखों से अपने प्यार जताए रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
मास्क ने छीन ली बाजार की लाली बिकते
अब तो मुस्काने पर भी टूटे दॉत ना दिखते
दिखे नहीं जो उसे भी तो समझ जाते है
अपने दामन को जमाने से बचाए रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
छूते लब आंख बन्द करके वो सिंहर जाना
सांस के रास्ते से दिल तलक उतर जाना
देख के मास्क ये ‘एहसास’ करता कहता दिल
कुद्द दिनों आप मेरा प्यार भुलाए रखिए
वक्त कहता है हाय ये मास्क! लगाये रखिए।।
- अजय एहसास