धर्म-अध्यात्म

हिन्दुओं के मार्ग से विघ्न हरिये, गणेशजी !

– डॉ. प्रवीण  तोगड़िया

भारत के कई राज्यों में अब गणेश उत्सव की धूम होगी। जहां बड़े प्रमाण में उत्सव नहीं मनाया जाता, वहां भी इन दिनों में गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। भाद्रपद चतुर्थी से 10 दिन काशी में भी विनायकों के विविध मंदिरों में उन्हें दूर्वा, रक्तवर्ण पुष्प चढ़ाकर पूजा की जाती है। इन्दौर में बड़े गणेशजी सज-धज कर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं तो दक्षिण में बेंगालुरु से लेकर कुंभकोणम् तक अतिप्राचीन गणेशों के अभिषेक, हवन किए जाते हैं। उन्हें उत्तर में लड्डू, पश्चिम और दक्षिण में मोदक और पूर्व में गुड़ डाला हुआ संदेश (बंगाली मिठाई) के भोग चढ़ाए जाते हैं !

काशी में हर दिशा में 7-7 विनायक ऐसे 56 विनायक अष्ट दिशाओं में हैं और उनकी यात्रा ‘56 विनायकांे की यात्रा’ इस नाम से जानी जाती है। बाह्य आवर्तन, अंतर आवर्तन, ऐसी यह यात्रा कठिन है किन्तु काशी के पंडित शर्माजी, पालंदेजी ऐसे और अन्य कई लोग स्वयं भी यह यात्रा करते हैं और भक्तों को भी कराते हैं। उच्च शिक्षा विभूषित, अच्छे ओहदों पर बैठे हुए धर्मप्रवण भक्त इन यात्राओं में सम्मिलित होते हैं। आज के जमाने में जब भगवान् का नाम लेना, पूजा करते दिखना, धर्म के बारे में श्रद्धा रखना, ये सब ‘डाउन मार्केट’ माना जाता है और अनेक सेकुलर मीडिया वाले हिन्दुओं की श्रद्धा का मजाक उड़ाते रहते हैं, उसी आज के जमाने में अतिप्राचीन काल से चली आयी ये यात्राएं हमारे धर्म की शान हैं ! इसी प्रकार महाराष्ट्र और विदर्भ में अष्ट विनायकों की यात्रा है, यात्रा कम्पनियां बसें, गाड़ियां लेकर भक्तों को 8 गणेशों के दर्शन कराती हैं और भक्त लाखों की संख्या में उनमें सम्मिलित होकर अपने जीवन में आए विघ्न दूर करने की प्रार्थना गणेशजी से करते हैं।

आज समय की माँग है कि हर हिन्दू अपने मन में, अपने घरों में, मंदिरों में भगवान् गणेशजी को नमस्कार करे और उनसे वरदान मांगे कि कलियुग में हिन्दू धर्म पर बहुत अत्याचार हो रहे हैं, विगत चौदहवीं शताब्दी से तो इनकी हद हो गयी है, सप्तद्वीपा अश्वक्रान्ति, रथक्रान्ति, विष्णुक्रान्ति ऐसी हमारी वसंुधरा पृथ्वी जहां हर घर से, हर गली से, हर नुक्कड़ से, हर मंदिर से धूप, चंदन की सुगंध आती थी वहां आज यह हिन्दुओं की धरा कुछ छोटी भौगोलिक सीमाओं में सीमित हो गयी है, जिसे आज भारत कहा जाता है ! इस भारत में भी आज हिन्दुओं पर महाभयंकर अत्याचार हो रहे हैं ! हमारी पवित्र गौ माता पश्चिम से पूर्व तक और उत्तर से दक्षिण तक काटी जा रही है और इफ्तार पार्टियों में परोसी जा रही हैं ! मंदिरों में पूजा अभिषेक कर रात्रि में सोये हुए हमारे साधु-संत, पुजारी, मंदिरों की रक्षा करनेवाले सुरक्षाकर्मी इनकी निर्मम हत्याएं हो रही हैं और सरकारें हैं कि हत्यारे जालीवाली टोपीवाले हैं इसीलिए उन्हें बचा रही हैं ! काश्मीर में पथराव करनेवाले जिहादियों पर स्वयं को बचाने के लिए गोली चलानेवाले पोलिस, सेना के जवानों के विरुद्ध गला फाड़-फाड़ कर चिल्लाने वाले मीडिया वाले हिन्दुओं की इन हत्याओं के बारे में षडयन्त्र जैसे लगे इतने सुनिश्चित तरीके से चुप रहते हैं !

इन सब विघ्नों के हर्ता गणेशजी, जागो, गणेशजी ! आप जहां-जहां हो- काशी के 56 विनायकों के मंदिरों में, काशी के विविध घाटों के पेड़ों तले पड़े हुए (यह सत्य है ! 56 विनायकों में से काल विनायक एक घाट के सीढ़ियों के पास एक वृक्ष के अन्दर बिना मंदिर बैठे हैं ! सब को वरदान देने वाले काशी के वरद विनायक प्रहलाद घाट पर एक घर के बाहर बैठे हैं – वे भी बिना छप्पर !) गणेशजी, हिन्दुओं को अधर्मियों से, धर्मद्रोहियों से बचा लो ! हिन्दू डरकर चुप नहीं बैठा है ! कहा जाता है, जो स्वयं श्रद्धा रखता है, जितना हो सके उतना अधर्म का प्रतिकार भी करता है, उसकी रक्षा भगवान् करते हैं – अब तक जो दिखता है, उनसे समझ में आता है कि यह सत्य भी है – लेकिन गणेशजी, अब सरकारों की हिन्दूद्रोही नीतियां, हिन्दुओं को दबाकर मुस्लिम मतों को खुश करने के लिए बनाए हुए अन्यायकारक कानून, धर्म परिवर्तन के लिए आक्रामक होता जा रहा दुनिया का पश्चिमी हिस्सा, हिन्दुओं के विरुद्ध हर जगह हो रहे जिहादी हमले इन सबके तले आज हिन्दू दब रहा है, अपने भी बेगाने होकर सेकुलर बनकर हिन्दुओं को दबा रहे हैं ! गणेशजी, अपनों को सद्बुद्धि दें और धर्म के शत्रुओं द्वारा हिन्दुओं के विरुद्ध खड़े किए गए विघ्नों का, अन्यायों का विनाश करें !

गणेशजी, हर मंदिर में पहली पूजा का मान आपका होता है, हर हवन में पहली पूजा आपकी होती है ! आज हमारे भगवान् राम अयोध्या में उनके अपने जन्मस्थल पर ही उनके अपने मंदिर के लिए उन्हें लगभग साढ़े 400 वर्ष लड़ाई करना पड़ रहा है ! हिन्दू डट कर खड़ा है, 4,00,000 लक्ष हिन्दू मारे गए – भगवान् राम को उनके अपने जन्मस्थान पर भव्य मंदिर फिर से देने के लिए – जो मंदिर जिहादी बाबर ने हिन्दुओं को दबाने के लिए तोड़ा था और वहां एक घिनौना विकृत ढांचा खड़ा किया था ! आज भारत स्वतंत्र होकर 63 वर्ष हुए, गणेशजी, भगवान् राम को भारत के संविधान की पुस्तक में राष्ट्रपुरुष का सम्मान दिया हुआ है, लेकिन वही रामलला आज उनकी अपनी अयोध्या में कपड़े के तम्बू में बैठे हैं – राह देख रहे हैं कि इस देश के कानून बनानेवाले, देश चलानेवाले इतना तो समझें कि कभी मेरी अपनी जन्मस्थली पर उन कानून विशारदों के पूर्वजों ने भी पूजा-अर्चना की होगी !

गणेशजी उन सबको सारासार विवेक और सुबुद्धि दें कि हिन्दुओं के लिए ना ही सही, लेकिन भगवान् राम के लिए और उनके अपने पूर्वजों के लिए ही सही, अयोध्या में भगवान् राम के जन्मस्थान पर ही भव्य मंदिर बने, इस प्रकार से वे कोई सत्कार्य करें ! हर हिन्दू आज हनुमानजी का जागरण कर भगवान् राम के मंदिर के लिए प्रार्थना कर ही रहा है, गणेशजी ! मध्यप्रदेश में, विदर्भ में हनुमानजी के साथ आपको स्थापित करने की परंपरा हमने देखी है – अब गणेशजी ! आपके पवित्र उत्सव के 10 दिनों के दौरान ही हमारे भगवान् राम को मंदिर मिलेगा या नहीं इसका निर्णय न्यायालय करेंगे ! जो भगवान् राम अपने सत्यवादी न्याय के लिए जाने जाते थे, उनका न्याय आज भारत का लोकतंत्र और भारत के न्यायालय करेंगे ! गणेशजी ! कलियुग के इस खेल पर हिन्दू तो दुःखी, क्रोधित है ही, लेकिन गणेशजी आपके तो अनेक रूप हैं! वरदान देते हैं – वरद विनायक-राम मंदिर का वरदान दें ! सिद्धि विनायक मनोकामना सिद्ध करते हैं – हिन्दू आस लगाए बैठा है सदियों से अयोध्या के लिए – सिद्ध करें उनकी मनोकामना ! धूम्र राक्षस का वध किया था गणेशजी आपने ! आज जब हिन्दू कानूनों से बंधा है, तब सबके मन के राक्षसी प्रवृत्तियों को समाप्त करें गणेशजी ! चिन्तामणि हो ना ? तो हिन्दुओं की हर चिन्ता का विनाश करें, गणेशजी – हिन्दू कितने तन-मन-धन से आपकी पूजा करते हैं ! कई जगहों पर – उज्जैन में, पुणे में, काशी में दशभुज भी हो आप, गणेशजी, आपकी भुजाआंे में कितने प्रबल शस्त्र हैं ! आज लोकतंत्र में हिन्दुओं के हाथ में दो ही शस्त्र हैं – मत और लोकतांत्रिक आन्दोलन ! हर हिन्दू मत देता नहीं, देकर जिसको चुन कर लाता है, वे मंदिरों, गायों, हिन्दुओं की सुरक्षा इन सबको ‘डाउन मार्केट’ कहकर विकास के लिए हिन्दू किसानों की भी खेती और हिन्दुओं की नौकरियां छीन लेते हैं !

अब गणेशजी, आप ही हो, हिन्दुओं की रक्षा करनेवाले ! आपके पूज्य पिताजी शिवजी का पवित्र मास श्रावण अभी-अभी हिन्दुओं ने धूम से, भक्ति से मनाया है, अब यह आपकी पूजा का समय है, फिर दुर्गा देवी मां के शारदीय नवरात्र आयेंगे, उत्तर में तो मां के चैत्र नवरात्र में नव गौरी और नव दुर्गा के पूजन हिन्दुओं ने इसी आस्था से किए थे कि हिन्दुओं पर आया हुआ कठिन समय अब हमेशा के लिए चला जाए! भगवान् कार्तिकस्वामी ने-गणेशजी, आपके ज्येष्ठ बंधु ने-तारकासुर का वध इसीलिए किया था क्योंकि यह असुर देवों को और संतों को सताता था और दार-उल-इस्लाम की तरह पृथ्वी को तारकासुर का राज्य बनाने निकला था ! अब गणेशजी, हिन्दुओं की रक्षा का जिम्मा आप पर ही तो है ना? हम सब हैं ही जो धर्म के लिए अपना-अपना घर-बार त्याग कर निकले हैं ! हमारे हाथ प्रबल करना और शत्रुओं को सुबुद्धि देना (ना आये सुबुद्धि तो उन्हें सजा प्रदान करना !) यह तो गणेशजी, आप नहीं करोगे ?

अयोध्या में भगवान् राम का भव्य मंदिर बनेगा तब गणेशजी, आप भी मंदिर में विराजमान होंगे ! हर मंदिर में, हर कार्य में, हर हवन में आपको ही प्रथम पूजा का मान है ! आइए गणेशजी ! इस गणेश उत्सव में अपनी युक्ति, बुद्धि और शक्ति हिन्दुओं को प्रदान करें और हिन्दुओं के विघ्न हर लें !