हुजूर ए-आला क्या कह डाला’

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जगदीश यादव

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देखने लगे हैं। चलिये सपने देखना हर आदमी का एक ऐसा हक होता और साफ कहें तो नींद में आये सपने और दिन दहाड़े ख्याली पुलाव पकाने में अंतर होता है।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस मुगालते में हैं कि कभी नवजोत सिद्धू भारत के प्रधानमंत्री बनेगें और फिर सिद्धू अपने क्रिकेट वाले दोस्त इमरान के सपनों को साकार करेंगे। लेकिन इमरान यह क्यों भूल जाते हैं कि जबतक पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज नही आएगा भारत की ओर से पाक को उसको चरित्र के अनुसार जवाब मिलता ही रहेगा। भारत ने सीमा पार के आतंकियों के कारण इस देश में आतंकवाद की जो यंत्रणा झेली है और झेल रहा है यह बर्दास्त के लायक ही नही है। राजनीति अपनी जगह है देश की सुरक्षा अपनी जगह। राजनीति के लिये देश की सुरक्षा व अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने का हक किसी को भी नहीं है और प्रदानमंत्री मोदी भी ऐसा नहीं कर रहे है और न करेगे। ऐसे में ख्याली पुलाव पकाने भर से पाकिस्तान का भी कभी भला होने से रहा। हां, जिस दिन भारत के धैर्य का बांध टूट जाएगा उस दिन पाक के नापाक इरादे मटियामेट जरुर होंगे। शर्म तो सिद्धू को भी आनी चाहिए की वह महज राजनीतिक स्वार्थ के लिये अपने शान में कसीदे पढ़वा रहें थें। क्या वह भूल गये की अगर इस देश ने उन्हें सम्मान नहीं दिया होता या फिर दरकिनार कर दिया होता तो देश व दनियां के लोग सिद्धू को जान ही नही पाते। वैसे करतारपुर कॉरिडोर के आधारशिला कार्यक्रम में शिरकत करने और खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल चावला के साथ फोटो को लेकर विवादों में चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर पाकिस्तान नहीं गए थे। नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा- ‘राहुल गांधी जी ने मुझे कभी भी पाकिस्तान जाने के लिए नहीं कहा था, इसलिए आप अपने तथ्यों को ठीक कर लें। पूरी दुनिया जानती है कि मैं प्रधानमंत्री इमरान खान के निजी आमंत्रण पर गया था।’ इसे विडम्बना कहे या फिर उच्च राजनीतिक महात्वकांक्षा, सिद्धू के करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में दिए गए बयान से देश वासियों और सुरक्षा बलों की भावनाएं आहत हुई हैं। इस देश में हमेशा आतंक का बीज बोने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सिद्धू के दुलारे दोस्त इमरान खान ने उन्हें पाकिस्तान से चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया है। यह आमंत्रण पर अब क्या कहे। क्या माना जा सकता है कि अब सिद्धू पाक की नागरिकता लेंगे। उन्हें पाक में राजनीति करने का अवसर मिलेगा। उन्हें पाक की मिट्टी में फना होने का मन है। क्या राहुल गांधी पाक में नई पार्टी बना कर सिद्धू को चुनाव लड़वाएगे। अगर ऐसा होता है तो उन्हें पाकिस्तान असेंबली में भेजा जा सकता हैं। बहरहाल कहते है कि जैसी करनी वैसी भरनी। सिद्धू को लेकर पंजाब की राजनीति के गलियारे में अब सबकुछ ठिक नही चल रहा है। अब तो बाकायदा सिद्धू के पाक दौरे के बाद अब उनके एक बयान पर प्रदेश कांग्रेस में ही विरोध के स्वर उभरने लगे है। उनके पाक दौरे को लेकर कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी पर सिद्धू की टिप्‍पणी से पंजाब के उनके सहयोगी मंत्रियों में भी नाराजगी है। कैबिनेट मंत्री तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा ने तो सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिद्धू की जैसे अब तो बोलती बंद हो गई है। प्रदेश के विपक्षी नेताओं ने भी सिद्धू पर निशाना साधा है। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्‍तान दौरे जाने से कैप्‍टन कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के मना करने के संबंध में पूछे जाने पर कहा था,‘ राहुल गांधी मेरे कैप्टेन हैं।’ लेखक इंडियन काउंसिल आफ प्रेस मीडिया एण्ड सैटेलाइट ब्राडकास्टिंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष है।

 

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