राजनीति

आधुनिक तकनीक के साथ कदम – ताल करता भारत 

 हाल ही में केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव  का आलेख  तकनीक बनी शासन की भाषा  समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ हैं।आज के दौर में यदि किसी राष्ट्र की असली ताकत को परखा जाए तो उसमें सेना, अर्थव्यवस्था और संसाधनों के साथ-साथ तकनीकी विकास को भी सबसे अहम माना जाता है। आधुनिक युग में तकनीक केवल जीवन को आसान बनाने का साधन भर नहीं रही, बल्कि यह शासन की नई भाषा बनकर समाज के हर वर्ग को जोड़ने और आगे बढ़ाने का माध्यम बन चुकी है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वह कर दिखाया, जो पहले असंभव सा लगता था। दरअसल, मोदी सरकार ने तकनीक को केवल प्रयोग तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे सुशासन और राष्ट्रनिर्माण का आधार बना दिया।

तकनीक से बढ़ी पारदर्शिता

भारत जैसे विशाल और विविधताओं से भरे देश में योजनाओं का लाभ सही पात्र तक पहुँचना हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। लेकिन आधार, डिजिटल आईडी, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और ऑनलाइन पोर्टलों के जरिए यह सुनिश्चित किया गया कि बिचौलियों की भूमिका खत्म हो और योजना का लाभ सीधा जरूरतमंद तक पहुँचे। इस पारदर्शिता ने शासन में विश्वास को मजबूत किया है।

कार्य हुआ सुगम और त्वरित

पहले किसी सरकारी कार्य को पूरा करने में महीनों लग जाते थे, फाइलें दफ्तरों में घूमती रहती थीं और नागरिकों को चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन आज अधिकांश सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध हैं। चाहे जन्म प्रमाण पत्र लेना हो, बिजली-पानी का बिल जमा करना हो, या फिर सरकारी योजनाओं में आवेदन करना हो—सब कुछ अब क्लिक पर संभव है। तकनीक ने शासन को लोगों के द्वार तक पहुँचा दिया है।

कोरोना काल का अनुभव

कोरोना महामारी ने मानव जीवन की चुनौतियों को बदल दिया। इस दौरान तकनीक ने ही जीवन की धारा को बनाए रखा। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और प्रशासन सभी क्षेत्रों में डिजिटल माध्यम जीवनरेखा साबित हुए। आरोग्य सेतु और कोविन पोर्टल ने टीकाकरण को व्यवस्थित किया, जबकि ऑनलाइन कक्षाओं ने विद्यार्थियों की पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया। इस अनुभव ने साबित कर दिया कि तकनीक केवल सुविधा नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का सशक्त साधन भी है।

भविष्य का स्वर्ण युग

आज भारत स्टार्ट-अप और नवाचार की दुनिया में तेजी से उभर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, 5जी और डिजिटल पेमेंट सिस्टम में भारत की उपलब्धियाँ विश्व को चकित कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी तकनीकी पहुँच बढ़ रही है, जिससे किसानों को मंडी दाम, मौसम और नई कृषि तकनीकों की जानकारी सीधे मिल रही है। यह बदलाव आने वाले समय में भारत को तकनीक का वैश्विक नेता बना सकता है।

नागरिकों की भूमिका

सरकार ने अपनी इच्छाशक्ति और संकल्प से दिशा अवश्य दी है, लेकिन इस यात्रा को सफल बनाने के लिए नागरिकों की सहभागिता अनिवार्य है। जब तक समाज का हर वर्ग तकनीकी साक्षरता की ओर कदम नहीं बढ़ाएगा, तब तक इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। विशेषकर युवाओं को चाहिए कि वे तकनीक को केवल मनोरंजन का साधन न बनाकर राष्ट्रनिर्माण और सामाजिक सेवा में भी उसका प्रयोग करें

सपना साकार हो रहा है, वह हमें विश्वास दिलाता है कि आने वाला समय तकनीकी दृष्टि से भारत का स्वर्ण युग होगा। पारदर्शिता, सुशासन और विकास का यह मार्ग तभी और सशक्त होगा जब हर नागरिक इस यात्रा में सहभागी बनेगा। यही नए भारत की असली तस्वीर होगी।

– सुरेश गोयल धूप वाला