राजेश कुमार पासी
राजनीति में टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है, कब क्या करना है, ये बात अगर आपको पता है तो आप राजनीति में सफल हो सकते हैं लेकिन लगता है कि कांग्रेस की राजनीतिक समझदारी को ग्रहण लग गया है । जब देश युद्ध के दौर से गुजर रहा हो तो उस समय शासन से लड़ना देशद्रोह कहलाता है । बेशक कांग्रेस विपक्षी पार्टी है लेकिन उसे हर समय सरकार के विरोध में नजर नहीं आना चाहिए । कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हर मुद्दे पर मोदी सरकार के विरोध में दिखना चाहते हैं और जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि वो ही ऐसे नेता हैं जो मोदी सरकार से लड़ रहे हैं । अब सवाल यह है कि उन्हें यह छोटी सी बात पता नहीं है कि जब देश दुश्मन से लड़ रहा हो तो देश के साथ खड़े होना पड़ता है । भाजपा और मोदी से लड़ाई चलती रहेगी लेकिन देश से ऊपर तो कुछ नहीं है ।
कांग्रेस और राहुल गांधी की सबसे बड़ी समस्या ही यही है कि वो मोदी का विरोध करते-करते देश विरोध तक पहुंच जाते हैं । सरकार और सेना ने कहा है कि अभी ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ रोका गया है । इसको इससे भी समझ सकते हैं कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक मोर्चे पर जबरदस्त जंग चल रही है । भारत लगभग 40 देशों को अपने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है ताकि वो इन देशों में जाकर भारत सरकार की बात रख सकें । भारत सरकार इन देशों को यह बताना चाहती है कि उसने पाकिस्तान के खिलाफ क्यों और क्या कार्यवाही की है । क्या सामान्य हालातों में सरकार सर्वदलीय मंडलों को विदेशों में भेजती है । अगर सरकार ऐसा कर रही है तो उसे इसकी जरूरत महसूस हुई होगी । कांग्रेस भी इस प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा है। इससे यह भी पता चलता है कि देश संकटकाल से गुजर रहा है । ऑपरेशन सिंदूर का सच विदेशों में पहुंचना चाहिए अन्यथा पाकिस्तान इसका फायदा उठा सकता है और खुद को पीड़ित बता सकता है । भारत की छवि के लिए यह जरूरी है ।
प्रतिनिधि मंडल भेजने से ही पता चलता है कि अभी जंग जारी है, बेशक वो कूटनीतिक मोर्चे पर लड़ी जा रही हो । इन हालातों में कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करते हुए बेतुके सवाल खड़े कर दिये हैं । इन सवालों का नतीजा यह निकला है कि राहुल गांधी पाकिस्तान के पोस्टर ब्वाय बन गये हैं । पाकिस्तानी मीडिया के हर चैनल पर उनका बयान चलाया जा रहा है । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को चेतावनी देने के सम्बन्ध में बयान दिया था कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को बता दिया था कि हमने सिर्फ आतंकवादी शिविरों पर हमला किया है । आपके नागरिक और सैन्य ठिकानों पर कोई हमला नहीं किया गया है। इसके बाद अगर आप कार्यवाही करते हैं तो इसका बड़ा जवाब दिया जायेगा । हैरानी की बात यह है कि सेना के डीजीएमओ ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी यह बयान दिया था कि हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी समकक्ष को उन्होंने बता दिया था कि भारत ने क्या किया है । राहुल गांधी विदेश मंत्री के बयान को अपने तरीके से परिभाषित करते हुए यह कह रहे हैं कि उन्होंने हमले से पहले ही पाकिस्तान को सूचना दे दी थी कि भारत हमला करने जा रहा है । विदेश मंत्रालय द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया कि विदेश मंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा है लेकिन राहुल गांधी कहां किसी की सुनते हैं. वो इसके बावजूद अपना नैरेटिव चला रहे हैं ।
आतंकवादियों और उनके आकाओं को सजा देने की बात प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेता कर रहे थे लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि किस दिन और कहां हमला होने वाला है । राहुल गांधी विदेश मंत्री के बयान के आधार पर यह स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने हमले से पहले पाकिस्तान को सूचना दे दी जिसके कारण उसकी सेना अलर्ट हो गई और उसने भारतीय वायुसेना के कई विमान गिरा दिये । इसलिए वो पूछ रहे हैं कि सरकार बताये कि भारत के कितने विमान पाकिस्तान ने गिरा दिए हैं । कांग्रेस की बर्बादी का कारण उनकी इस सोच से ही पता चल जाता है । इस मानसिकता और समझ का इंसान अगर कांग्रेस को चलाएगा तो उसका यही हाल होगा जो हो रहा है । हैरानी है कि इतने समझदार नेता होने के बावजूद कांग्रेस अभी तक कैसे चल रही है । उनके नेता पवन खेड़ा तो राहुल गांधी से भी दो कदम आगे निकल गये हैं । उन्होंने कहा है कि विदेश मंत्री ने जो कुछ कहा है, वो चेतावनी देना नहीं है बल्कि मुखबिरी करना है । यही कांग्रेस की परेशानी है कि उसके नेता राहुल गांधी को समझाने की जगह उनके साथ खड़े हो जाते हैं । जयशंकर जी के बयान का ऐसा मतलब हल्की सी समझदारी वाला इंसान भी नहीं निकाल सकता ।
जहां तक पाकिस्तान के अलर्ट होने का सवाल है तो दोनों देश पहलगाम हमले के बाद ही पूरे अलर्ट पर थे । पाकिस्तान को पीएम मोदी सहित कई मंत्री सबक सिखाने की धमकी दे रहे थे और पाकिस्तान को यह भी पता था कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है । यही कारण है कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही पाकिस्तान कई देशों से भारत को रोकने की गुहार लगा रहा था । दूसरी बात यह है कि पाकिस्तान भारतीय हमले को रोकने की पूरी तैयारी करके बैठा हुआ था लेकिन हमारे सैन्य बलों की कुशलता और भारतीय हथियारों की ताकत ये हैं कि पाकिस्तान में बिना घुसे ही पाकिस्तान के 9 शहरों में स्थित आतंकी शिविरों को बर्बाद कर दिया गया । इसके बाद जब पाकिस्तानी सेना ने भारत पर हमला किया तो भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सारे हमलों को ध्वस्त कर दिया । इसके बाद जवाबी हमले में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 11 वायुसैनिक अड्डों सहित अन्य सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया ।
भारतीय सेना के पास ऐसी क्षमता है कि उसके विमान पाकिस्तान की सीमा को पार करे बिना भी उस पर हमला कर सकते हैं और ऐसा ही किया गया है । एक तरफ भारतीय सेना आतंकी ठिकानों को बर्बाद करने का दावा कर रही है तो कांग्रेस आरोप लगा रही है कि विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी आतंकियों को बचा दिया । पाकिस्तान के मीडिया और सरकार ने राहुल गांधी और उनके पवन खेड़ा जैसे नेताओं के बयानों को आधार बनाकर अपने देश को बताना शुरू कर दिया है कि भारत झूठ बोल रहा है । पाकिस्तान यह साबित करने पर तुला है कि कांग्रेस के नेता सच बोल रहे हैं जबकि भारतीय सेना और मोदी सरकार झूठ बोल रही है । पाकिस्तान को अपनी करारी हार को छिपाने का मौका मिल गया है । सवाल यह है कि क्या इससे कांग्रेस ने भारतीय सेना का मनोबल नहीं गिराया है । जिस सेना ने सिर्फ तीन दिन की लड़ाई में दुश्मन देश को आगे लड़ने के काबिल नहीं छोड़ा, उस सेना को देश का सबसे बड़ा विपक्षी दल झूठा साबित करने पर तुला है ।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस को भारतीय सेना और भारत की सरकार से ज्यादा भरोसा पाकिस्तानी सेना और सरकार पर है । मेरा मानना है कि कांग्रेस सेना के खिलाफ नहीं जाना चाहती लेकिन वो सेना और सरकार के अंतर को समझ नहीं पा रही है । देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए ये बेहद चिंता की बात है । जब पाकिस्तान पर पहलगाम हमले को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं तो उसे भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सरकार की साजिश बताने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को पता था कि वहां खतरा है तो सरकार ने सैलानियों को क्यों जाने दिया जबकि मोदी जी ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था। सरकार सर्वदलीय बैठक में यह बता चुकी है कि पहलगाम हमला कैसे हुआ है और कहां चूक हुई है लेकिन कांग्रेस फिर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। अगर पाकिस्तान अपने मीडिया पर यह बोल रहा है कि पहलगाम हमले में उसका कोई हाथ नहीं था, ये तो मोदी सरकार की लापरवाही से हुआ है तो उसे गलत कैसे कहा जा सकता है।
कांग्रेस को अपना हर बयान सोच समझकर देना चाहिए क्योंकि उसके बयानों के आधार पर पाकिस्तान भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीचा दिखाने की कोशिश में लगा हुआ है। अगर कांग्रेस को यह सब दिखाई नहीं दे रहा है और कुछ समझ नहीं आ रहा है तो वो अपने नेताओं को कुछ समय के लिए चुप रहने के लिए भी बोल सकती है। कांग्रेस की राजनीति के कारण न केवल देश का नुकसान हो रहा है बल्कि कांग्रेस की भी छवि खराब हो रही है। कांग्रेस के लिए ये विचार का समय है कि उसे पाकिस्तान में चुनाव नहीं लड़ना है, उसे भारत में ही राजनीति करनी है और भारत की जनता से ही वोट लेना है। जिस व्यक्ति या दल के कारण भारतीय हितों को नुकसान पहुंचता है उसे जनता माफ करने वाली नहीं है।
राजेश कुमार पासी