नेचुरल और बेहतरीन एक्‍टर हैं नाना पाटेकर

सुभाष शिरढोनकर  

ये बात बताने या फिर दोहराने की कतई जरूरत नहीं कि नाना पाटेकर एक नेचुरल और बेहतरीन एक्‍टर हैं। बेशक आज वे फिल्मों में कम नज़र आते हैं लेकिन एक दौर था जब नाना की फिल्‍मों का इंतजार हर किसी को रहता था। रंगमंच हो या फिर सिनेमाई परदा, उन्‍होंने हर तरह के किरदार में बारीकी के साथ रंग भरते हुए उकेरा है।

अनेक फिल्‍मों में अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले नाना पाटेकर पिछली बार विवेक अग्निहोत्री व्‍दारा निर्देशित भारत में कोविड-19 महामारी के दौरान कोवैक्सिन के विकास पर बेस्‍ड फिल्‍म ‘द वैक्सीन वॉर’ (2023) में नजर आए थे। इस फिल्म के लिए उनके काम की खूब प्रशंसा हुई थी।

‘द वैक्सीन वॉर’ (2023) के बाद अब नाना पाटेकर 20 दिसंबर को रिलीज हुई, बाप-बेटे के रिश्ते पर आधारित फिल्म ‘वनवास’ में अनिल शर्मा के बेटे एक्टर उत्कर्ष शर्मा के साथ नजर आए ।

फिल्म को ‘गदर 2’ (2023) जैसी ब्‍लॉक बस्‍टर फिल्‍म के निर्देशक अनिल शर्मा ने डायरेक्‍ट किया है। इस फिल्‍म के ट्रेलर को दर्शकों की बेहद शानदार प्रतिक्रिया मिली थी, इसलिए उम्‍मीद की जा रही थी कि फिल्‍म रिलीज होते ही ऑडियंस इस पर टूट पड़ेगी।

उत्‍कर्ष शर्मा और सिमरन की मेन लीड वाली फिल्‍म ‘वनवास’  उस जोनर के एकदम विपरीत है जिसके लिए अनिल शर्मा जाने जाते हैं। फिल्‍म का सब्‍जेक्‍ट निश्चित ही ऐसा था जो हर किसी को लुभाता है।

लेकिन ‘वनवास’ एक बेहतरीन फिल्‍म होने के बावजूद हाल ही में रिलीज हॉलीवुड फिल्म ‘मुफासा द लॉयन किंग’ और थियेटर में पहले से जमी हुई अल्‍लू अर्जुन की फिल्‍म ‘पुष्पा 2: द रूल’ की भेंट चढ गई और  20 दिसंबर को रिलीज हुई यह फिल्‍म बॉक्‍स ऑफिस पर पहले दिन सिर्फ 60 लाख का कारोबार ही कर सकी। 

‘मुफासा द लॉयन किंग’ रिलीज के बाद से इंडियन बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है जबकि दूसरी तरफ ‘पुष्पा 2: द रूल’ का थियेटर में पहले से दबदबा कायम है। फिल्म हर दिन इंडिया में दहाई के आंकड़ों में कमाई करते हुए इंडिया में 1000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का कारोबार कर चुकी है।     

अपने करियर में विलेन, पुलिस ऑफिसर, कॉमेडी, देशभक्ति लगभग सभी तरह के रोल निभा चुके नाना पाटेकर की स्‍व स्मिता पाटिल के साथ खूब जमती थी। वह स्मिता ही थीं जिन्‍होंने नाना को रंगमंच से फिल्‍मों में आने के लिए प्रेरित किया। 

स्मिता के अलावा एक और एक्‍ट्रेस हैं डिंपल कपाडिया जिनके साथ नाना की जबर्दस्‍त टयूनिंग रही। दोनों ने एक साथ ‘प्रहार: द फाइनल अटैक’ (1991), ‘अंगार’ (1992), ‘ क्रांतिवीर’ (1994) और ‘तुम मिलो तो सही’ (2010) जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया। 

जिस वक्‍त देश में ‘मी टू मूवमेंट’ ने रफ्तार पकड़ी, तब एक्‍ट्रेस तनुश्री दत्ता ने 2008 में, नाना पाटेकर पर फिल्म ‘हॉर्न ओके प्लीज’ के सेट पर उनका यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाते हुए दस साल बाद 1 अक्टूबर 2018 को ओशिवारा पुलिस स्टेशन में नाना पाटेकर, कोरियोग्राफर गणेश आचार्य, निर्देशक राकेश सारंग और निर्माता समी सिद्दीकी के खिलाफ छेड़छाड़ और अश्लीलता के आरोपों में एफआईआर दर्ज कराई।

लेकिन जून 2019 में ओशिवारा पुलिस स्टेशन व्‍दारा  तनुश्री दत्ता व्‍दारा लेखबद्ध कराई गई एफ आई आर के विरूद्ध बी-समरी रिपोर्ट प्रस्‍तुत की जिसमें उल्‍लेख किया गया था कि दर्ज की गई शिकायत दुर्भावनापूर्ण और बदला लेने के लिए के आशय से की गई नजर आती है। इसके बाद नाना पाटेकर को यौन उत्पीड़न के आरोपों से मुक्त कर दिया गया। 

इरफान खान के बाद नाना पाटेकर इकलौते ऐसे एक्‍टर हैं जो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ खलनायक तीनों श्रेणियों में फिल्मफेयर पुरस्कार जीत चुके हैं।

1990 बेस्‍ट सपोर्टिंग एक्‍टर ‘परिंदा’, 1995 बेस्‍ट एक्‍टर ‘क्रांतिवीर’ और 1997 बेस्‍ट सपोर्टिंग एक्‍टर ‘अग्निसाक्षी’ के लिए तीन नेशनल अवार्ड सहित नाना को 1990 बेस्‍ट सपोर्टिंग एक्‍टर ‘परिंदा’, 1992 बेस्‍ट विलेन ‘अंगार’ 1995 बेस्‍ट एक्‍टर ‘क्रांतिवीर’  और  2006 बेस्‍ट विलेन ‘अपहरण’ के फिल्‍मफेयर अवार्ड मिल चुके हैं।

2015 ‘डॉ प्रकाश बाबा आम्‍टे’ के लिए बेस्‍ट एक्‍टर और 2017 ‘नट सम्राट’ के लिए बेस्‍ट एक्‍टर केटेगरी में फिल्‍मफेयर मराठी अवार्ड से नाना को सम्‍मानित किया गया था।

2013 में नाना पाटेकर को फिल्‍म जगत में उनके उल्‍लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया।

नाना पाटेकर को जब राज कपूर पुरस्कार से सम्मानित करते हुए 1,000,000 रुपये का नकद राशि दी गई, तब उन्होंने वह पूरी राशि महाराष्ट्र के सूखा राहत गतिविधियों के लिए दान कर दी। 

सुभाष शिरढोनकर 

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