मनोरंजन सिनेमा

बड़े फिल्‍म मेकर्स के पसंदीदा एक्‍टर हैं पंकज त्रिपाठी

सुभाष शिरढोनकर

पंकज त्रिपाठी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक हैं। अपने अंदाज से दुनिया का दिल जीतने का हुनर उन्हें बखूबी आता है। उनका अंदाज इतना लाजवाब होता है कि लोग बस तारीफ में कसीदे ही पढ़ते नजर आते हैं।

साल 2023 में पिता के निधन के बाद पंकज त्रिपाठी एक आत्मनिरीक्षण यात्रा पर चले गए थे।  एक साल तक उन्‍होंने फिल्मों से दूरी बनाकर रखी।

इस दौरान उन्होंने कोई फिल्म साइन नहीं की लेकिन कुछ विज्ञापन शूट किए और अनुराग बसु की ‘मेट्रो…इन दिनों’ के लिए पैचवर्क  का काम किया। उनकी यह  फिल्म 2007 की ड्रामा ‘लाइफ़… इन ए मेट्रो’ का सीक्वल है और 2 जुलाई, 2025 को बड़े पर्दे पर रिलीज हुई। 

हाल ही में पंकज त्रिपाठी को जियो हॉटस्टार पर ऑन स्‍ट्रीम हुई वेब सीरीज ‘क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर’ (2025) में देखा गया।

पंकज त्रिपाठी फिल्‍म इंडस्ट्री के ऐसे अभिनेता हैं जो बेहतरीन अभिनय से लोगों को अपना मुरीद बना लेते हैं।

उन्होंने हिंदी सिनेमा को  ‘गैंग्स ऑफ वॉसेपुर 1, 2 (2012) ‘फुकरे’ (2013), ‘मसान’ (2015), ‘निल बटे सन्नाटा’ (2016), ‘फुकरे रिर्ट्नस’ (2017) ‘स्‍त्री’ (2018), ‘कागज’ (2021), ‘मीमी’ (2021), ‘ओएमजी 2’ (2023) ‘फुकरे 3’ (2023) और ‘स्‍त्री 2’ (2024)  जैसे कई ऐसी फिल्में दी हैं जिसमें उनके अभिनय को बेहद पसंद किया।

डिजिटल प्लेटफार्म ’जी 5’ पर रिलीज पंकज त्रिपाठी की कॉमेडी फिल्म ‘कागज’ (2021) आजमगढ के उस लाल बिहारी की रियल लाइफ स्टोरी पर बेस्ड है जिसे रेवेन्यू रिकार्ड में मृतक घोषित कर दिया गया और वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए 18 साल तक संघर्ष करता रहा।  सलमान खान व्दारा निर्मित इस फिल्म को सतीश कौशिक ने निर्देशित किया था।

‘सेक्रेड गेम्‍स’ (2028-2019), ‘मिर्जापुर’ (2018) ‘क्रिमिनल जस्टिस’ (2019), ‘क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्‍लोज डोर्स’ (2020)   ‘क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच’ (2022) और ‘क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर’ (2025) जैसी वेब सीरीज के जरिए पंकज त्रिपाठी ने ये साबित किया कि बड़े परदे की तरह उनके उतने ही चाहने वाले ओटीटी प्‍लेटफार्म पर भी हैं।

पंकज त्रिपाठी ने साल 2004 की फिल्‍म ‘रन’ में अभिनय की दुनिया में कदम रखा और आज वह फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बिजी कलाकारों में से एक हैं।

5 सितंबर 1976 को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में जन्मे पंकज त्रिपाठी को बचपन से ही अदाकारी का शौक था। इसके लिए वह गांव में होने वाले नाटकों में लड़की का किरदार निभाने से भी गुरेज नहीं करते थे।    

पंकज त्रिपाठी साल 2004 में मुंबई आये थे और यहां आते ही उन्हें  फिल्‍म ‘रन’ (2004) में एक छोटा रोल मिल गया।  उसके बाद उन्होंने छोटे छोटे किरदार निभाते हुए नेशनल अवॉर्ड विनर एक्‍टर तक का सफर तय किया। उन्हें  फिल्‍मफेयर, स्‍क्रीन और आईफा अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।   

पंकज त्रिपाठी ने अब तक सपोर्टिग किरदार ही ज्यादा किए हैं लेकिन इसके बावजूद  वे बड़े फिल्‍म मेकर्स की, मनपसंद एक्टर वाली लिस्ट में शामिल में शामिल हैं।

फिलहाल वे फिल्‍म ‘पारिवारिक मनोरंजन’ की शूटिंग में बिजी हैं।  

सुभाष शिरढोनकर