प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये है |

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 प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये है |
नमन है मेरा उन शहीदों को,जो तिरंगा ओढ़ कर आये है ||

चारो तरफ शोक लहर है,जनता में भी काफी आक्रोश है |
अब तो केवल पाकिस्तान दुश्मन से,बदला लेना शेष है ||

पत्नियों का सिन्दूर पुछा है,बहनों का प्रेम धागा टूटा है |
माताओ की गोद सूनी हुई है,पिताओ का सहारा छूटा है ||

चारो तरफ मातम छाया है,श्रद्धा सुमन अर्पित हो रहे है |
उन वीर शहीदों का चारो तरफ,जय जय कार हो रहे है ||

छोटे बालक माँ से पूछ रहे है,पापा तिरंगा क्यों औढे हुए है ?
चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ है,पापा क्यों नही बोल रहे है ?

क्यों नहीं पापा गोदी में लेते,अब तो वे छुट्टी पर आये हए है ? 
क्यों इतने सारे अंकल सैनिक,पापा को कंधे पर उठाये हुए है ?

तिरंगा भी आज दुखी है,वह नेताओ से यह प्रश्न पूछ रहा है |
मुझे लहराने की जगह,क्यों कफन के लिये इस्तेमाल हो रहा है ?

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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