कविता

पुलवामा शहीद दिवस


प्रेम दिवस कैसे मनाये आज हम,
जब इस दिन गम के बादल छाए थे।
पुलवामा में 42 वीर शहीद हुए थे
जब वे तिरंगा ओढ़कर घर आए थे।।

पुलवामा के वीरो ने इस दिन,
जो जान देश पर वारी थी।
दुश्मन की औकात नही थी,
कुछ अपनो की ही गद्दारी थी।।

छोड़ श्रद्धांजलि दिवस को हम
वेलेंटाईन डे हम क्यो मनाते है।
स्वतंत्र भारत में रहकर भी हम,
ब्रिटिश त्योहार क्यो मनाते है।।

छोड़ो ऐसे इन प्रेम दिवसों को,
अपनी सभ्यता को अपनाओ।
क्यो करते हो विदेशों की नकल,
श्रद्धांजलि दिवस आज मनाओ।।

आर के रस्तोगी