कविता

संसद में सिंगोल

स्थापित होगा संसद में सिंगोल,

बदल जायेगा विपक्ष का भूगोल।

उदंडता दिखाएगा जो संसद में,

दंड देगा अब उसको ये सिंगोल।।

जब जब सत्ता में परिवर्तन आएगा

ये सिंगोल उसको दिया ही जायेगा।

याद दिलाएगा उसको अपने कर्तव्य,

तभी भारत का हित हो पाएगा।।

स्पीकर के ये दाई तरफ लगा होगा,

स्पीकर का स्थान भी उच्च होगा।

पहुंच न पाये कोई सांसद उस तक,

अब स्पीकर का अनादर न होगा।।

ये चोल राजाओं का था प्रतीक,

सत्ता हस्तांतरण का था प्रतीक।

पड़ा था प्रयागराज संग्रहालय में,

अब संसद में लगेगा ये प्रतीक।।

आर के रस्तोगी