सूर्य-शुक्र बनाएगा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने के लिए महिला शक्ति होगी मददगार

-राजकुमार सोनी- modi kee kundli

जन्मकुंडली : नरेन्द्र मोदी
जन्म दिनांक : 17 सितम्बर, 1950
जन्म समय : 11 बजे प्रात:
जन्म स्थान: मेहसाना (गुजरात)  

मई में गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर सत्तासीन होंगे। मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाने में किसी खास महिला का योगदान होगा। ऐसा योग सूर्य व शुक्र ग्रह से बन रहा है। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के ज्योतिषीय आकलन दृष्टिकोण से मप्र के प्रमुख भविष्यवक्ताओं व ज्योतिषियों से अबकी बार किसकी सरकार और कौन बनेगा प्रधानमंत्री के बारे में बात की। इन प्रकांड विद्वानों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को सर्वाधिक सीटें हासिल होंगी और एनडीए की सरकार के मुखिया इस बार लालकृष्ण आडवाणी की बजाय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। लोकसभा में एनडीए को 250 से 275 सीटें मिलेंगी जबकि यूपीए को 80 से 110 सीटें ही मिल पाएंगी।
इंदौर के लालकिताब विशेषज्ञ एवं भविष्यवक्ता पं. आशीष शुक्ला के अनुसार शनि शत्रु राशि में होकर चतुर्थ पर पूर्ण दृष्टि रखने से जनता के बीच प्रसिद्ध बना रहा है। भारत की अधिकांश जनता भावी प्रधानमंत्री के रूप में देख रही है। दशमेश बुध एकादशेश के साथ है। दशमेश सूर्य, केतु से भी युक्त है। सूर्य का महादशा में लग्नेश मंगल का अन्तर चल रहा है जो दशमेश होकर लाभ भाव में व मंगल स्वराशि का होकर लग्न में है। यह समय भाजपा को उत्थान की ओर लेजाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बन जाएंगे। पं. शुक्ल ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी का योग प्रधानमंत्री बनने का नहीं है।
सागर के ज्योतिषाचार्य एवं अंक शास्त्री पं. पीएन भट्ट के अनुसार नरेन्द्र मोदी की जन्म राशि वृश्चिक है। शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण चल रहा है। राजभवन में विराजे शुक्र में पराक्रमेश शनि की अन्तर्दशा में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 02.12.2005 को शुक्र की महादशा के बाद राज्येश सूर्य की महादशा जो 03.02.2011 तक चली। तत्पश्चात् 03.02.2011 से भाग्येश चन्द्र की महादशा का शुभारम्भ हुआ। ज्योतिष ग्रंथों में वर्णित है कि एक तो भाग्येश की महादशा जीवन में आती नहीं है और यदि आ जाए तो जातक रंक से राजा तथा राजा से महाराजा बनता है।  मोदी भाग्येश की महादशा में मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बन सकते हैं, किन्तु चन्द्रमा में राहु की अन्र्तदशा ग्रहण योग बना रही है तथा 20 अप्रैल से 20 जुलाई 2014 के मध्य व्ययेश शुक्र की प्रत्यन्तर दशा कहीं प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने के प्रबल योग को ण न कर दें? यद्यपि योगनी की महादशा संकटा में सिद्धा की अन्तर्दशा तथा वर्ष कुण्डली में वर्ष लग्न जन्म लग्न का मारक भवन (द्वितीय) होते हुए भी मुंथा पराक्रम भवन में बैठी है तथा मुंथेश शनि अपनी उच्च राशि का होकर लाभ भवन में विराजमान है। जो अपनी तेजस्वीयता से जातक को 7 रेसकोर्स तक पहुंचा सकता है। किन्तु एक अवरोध फिर भी शेष है और वह है सर्वाष्टक वर्ग के राज्य भवन में लालकृष्ण आडवानी और राहुल गांधी की तुलना में कम शुभ अंक अर्थात् 27.  साथ ही ”मूसल योग” जातक को दुराग्रही बना रहा है तथा केमद्रुम योग, जो चन्द्रमा के द्वितीय और द्वादश में कोई ग्रह न होने के कारण बन रहा है। उसका फल भी शुभ कर्मों के फल प्राप्ति में बाधा। वर्तमान में भाग्येश चन्द्रमा की महादशा चल रही है, जो दिल्ली के तख्ते ताऊस पर मोदी की ताजपोशी कर तो सकती है किन्तु केमद्रुम योग तथा ग्रहण योग इसमें संशय व्यक्त करता नजर आ रहा है?
ग्वालियर के भविष्यवक्ता पं. एचसी जैन ने बताया कि नरेंद्र मोदी की कुंडली में केन्द्र का स्वामी केन्द्र में होकर त्रिकोण के साथ लक्ष्मीनारायण योग बना रहा है। यह योग कर्म क्षेत्र को धनवान बनाने में समर्थ है। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी की ख्याति विरोध के बावजूद लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि लोकसभा में एनडीए को 250 से 275 सीटें मिलेंगी जबकि यूपीए को 80 से 110 सीटें ही मिल पाएंगी। जैन ने बताया कि मोदी को प्रधानमंत्री बनवाने में किसी खास महिला का विशेष योगदान रहेगा।

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