आलोचना अंध भक्तों की बेरहम मौत, मैं अपनी गोद में उन नासमझों की लाश लिए, काका हाथरसी का शहर “मैं हाथरस हूँ” July 9, 2024 / July 9, 2024 by अनिल अनूप | Leave a Comment –अनिल अनूप हींग की खुशबू और काका हाथरसी की कविताओं से महकता यह शहर अब चिताओं के धुएं में घिरा हुआ है। मेरा नाम हाथरस है। हां, सही सुना आपने, मैं वही हाथरस हूं जो हाल ही में 121 मौतों का चश्मदीद बना। तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन यहां की हवा में अब भी […] Read more » अंध भक्तों की बेरहम मौत