शख्सियत अक्षुण्ण है संस्कृति की मौलिकता – दीनदयाल उपाध्याय September 29, 2012 / September 29, 2012 by अशोक बजाज | Leave a Comment अशोक बजाज पं. दीनदयाल उपाध्याय की जंयती 25 सितम्बर पर विशेष पं. दीनदयाल उपाध्याय एक महान राष्ट्र चिन्तक एवं एकात्ममानव दर्शन के प्रणेता थे. उन्होने मानव के शरीर को आधार बना कर राष्ट्र के समग्र विकास की परिकल्पना की. उन्होने कहा कि मानव के चार प्रत्यय है पहला मानव का शरीर, दूसरा मानव का […] Read more » अक्षुण्ण है संस्कृति की मौलिकता दीनदयाल उपाध्याय