कहानी अधर्मी September 16, 2014 / September 16, 2014 by राम सिंह यादव | 2 Comments on अधर्मी भाई, चल जरा, उस किले की मुंडेर पर बैठते हैं……… काल चक्र के पहिये पर वापस कुछ सौ साल पहले घूमते हैं !!!!!! भाई वो देख कितनी धूल सी उड़ रही है पश्चिम से….. लगता है काले स्याह बादल घिर आये हैं……… वो अपना ही गाँव है न ????? ओह, काले कपड़ों […] Read more » अधर्मी