कविता आदमी कितना नादान है May 13, 2022 / May 13, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आदमी स्वयं ही बुरा है,दूसरो को बुरा बताता है।वह अपने स्वार्थ के लिए,दूसरो को खूब सताता है।। आदमी कितना नादान है,मंदिर में शंख घंटा बजाता है।सोया हुआ वह स्वयं है,भगवान को जाकर जगाता है।। आदमी स्वयं कितना भूखा है,रोज भगवान से मांगने जाता है।स्वयं को माया की भूख लगी है,भगवान को भोग लगाने जाता है। […] Read more » how stupid is the man आदमी कितना नादान है