व्यंग्य साहित्य इतने लोग हड़ताल नहीं इन्कलाब करते है September 5, 2016 by एम्.एम्.चंद्रा | Leave a Comment एम. एम.चन्द्रा भाई! गाड़ी की सर्विस करानी है सर! अभी तो 9 भी नहीं बजे और पुलिस को देखकर आपको क्या लगता है? क्या आज कोई काम हो पायेगा ? सर यदि आप अपनी गाड़ी को बचाना चाहते हो तो आज यहाँ से गाड़ी ले जाओ और किसी ओर दिन सर्विस करा लेना. भाई! ये पुलिस वाले हड़ताल […] Read more » इन्कलाब