कविता इन्द्रधनुषी तितलियों के पंख मेरे पास हैं November 10, 2014 / November 15, 2014 by रामानुज मिश्र | Leave a Comment इन्द्रधनुषी तितलियों के पंख मेरे पास हैं चाँद-तारे तोड़ लाना अपनी फितरत में नहीं, उँगलियों से ताज गढ़ना अपनी कूबत में नहीं, एक टुकड़ा आसमां और एक प्यारी सी सुबह, इन्द्रधनुषी तितलियों के पंख मेरे पास हैं। एक अनजानी गली में पुल बनाता आहटों के, ज़िंदगी के बांसुरी में गीत भरता चाहतों […] Read more » इन्द्रधनुषी तितलियों के पंख मेरे पास हैं टाट-सी लड़कियां