दोहे उत्तराखण्ड-विनाश पर कुछ दोहे July 19, 2013 / July 19, 2013 by डा.राज सक्सेना | 2 Comments on उत्तराखण्ड-विनाश पर कुछ दोहे डा.राज सक्सेना बोतल में गंगा भरी, बुझी न अनबुझ प्यास | नदियों को झीलें बना,अदभुत किया विकास || खण्ड-खण्ड पर्वत किये, खीँच-खीँच कर खाल | कब्रगाह घाटी बनी, होकर झील विशाल || मन्दिर पूरा बच गया, बची नहीं टकसाल | बना शिवालय क्षेत्र सब, शव-आलय बेहाल || यह थी केवल बानगी, […] Read more » उत्तराखण्ड-विनाश